
लोकजनशक्ति पार्टी (एलजेपी) बिहार में विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ सकती है. पार्टी रविवार को इसका ऐलान कर सकती है. संभव है कि एलजेपी 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा भी कर दे. पहली सूची में 56 प्रत्याशियों का नाम हो सकता है. एलजेपी का अलग होना बिहार में NDA के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है.
एलजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक शनिवार शाम 6 बजे होगी. चुनाव से पहले ये उसकी आखिरी बैठक होगी. अभी तक बीजेपी और एलजेपी में सीट शेयरिंग को लेकर बात नहीं बन पाई है. एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान ने बीते महीने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से पांच बार मुलाकात की थी. वहीं एक बार वह गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले थे.
एलजेपी के सूत्रों की मानें तो पार्टी को केवल 15 से 20 सीटों का ऑफर मिला है. लेकिन एलजेपी ने 42 सीटों की मांग रखी है. जेडीयू नेता पहले ही कह चुके है कि उसका एलजेपी से गठबंधन नहीं है. बीजेपी अपने हिस्से से एलजेपी के साथ सीटें साझा करे.
दूसरी तरफ जेडीयू और बीजेपी के बीच भी सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक बात नहीं बन पाई है. सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू चुनाव में बीजेपी से ज्यादा सीटों पर लड़ना चाहती है. अगर एलजेपी एनडीए गठबंधन से बाहर जाती हैं तो एलजेपी अपने उम्मीदवार बीजेपी के खिलाफ नहीं उतारेगी. एलजेपी अपने को बीजेपी के गठबंधन के तौर पर ही पेश करेगी. पार्टी पीएम नरेंद्र मोदी, रामविलास पासवान और चिराग पासवान के नाम पर लड़ेगी. लेकिन जेडीयू के खिलाफ हर सीट पर वह उम्मीदवार उतारेगी. सूत्रों की मानें तो केंद्र में बीजेपी और एलजेपी का गठबंधन जारी रहेगा. रामविलास पासवान केंद्र सरकार में मंत्री बने रहेंगे.
एलजेपी अगर बिहार में NDA से अलग होती है तो उसका नारा होगा- मोदी से कोई बैर नहीं, नीतीश तेरी खौर नहीं. कुछ इसी तरह का नारा राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव में अंदर खाने चलता था. तब नारा था कि मोदी तुझसे बैर नहीं, वसुंधरा तेरी खैर नहीं.
नीतीश के सात निश्चय पर बोला हमला
इससे पहले एलजेपी ने कहा कि नीतीश सरकार का सात निश्चय का एजेंडा भ्रष्टाचार का पिटारा है. एलजेपी बिहार सरकार के एजेंडे सात निश्चय के कार्यक्रम को नहीं मानती है. एलजेपी का दावा है कि बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन डॉक्युमेंट को अगली सरकार लागू करेगी. पार्टी का मानना है कि सात निश्चय के सभी कार्य अधूरे रह गए. जो कार्य अभी तक हुए हैं उनका भुगतान भी नहीं हुआ.