
बिहार चुनाव का दूसरा चरण बेहद रोचक होने जा रहा है. हर दल ने प्रचार के दौरान अपनी पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन अब बारी मतदाताओं की है. मधुबनी की बात करें, तो यहां 3 नवंबर को चार विधानसभा सीटों पर होने वाले मतदान में दो पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है. जिले की चारों विधानसभा सीट पर कुल 45 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं.
मधुबनी जिले की 10 सीट में से बिहार विधानसभा के दूसरे चरण में जिले की चार विधानसभा मधुबनी, राजनगर (सुरक्षित), झंझारपुर और फुलपरास में 3 नवंबर यानी कल मतदान होगा. इन चारों विधानसभा क्षेत्र में कुल मिलाकर 45 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं. आइये आपको बताते हैं कि कहां से कौन प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरा है.
मधुबनी विधानसभा से 12 प्रत्याशी
मधुबनी विधानसभा क्षेत्र से 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे हैं. आरजेडी से समीर कुमार महासेठ, VIP पार्टी से सुमन कुमार महासेठ, एलजेपी से अरविंद पूर्वे, पलूरल्स से मधुबाला गिरी, भारतीय चेतना पार्टी से अन्नपूर्णा देवी, समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक से अमानुल्लाह खान, शिवसेना से शंकर महासेठ, रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया से दिनेश मंडल और वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अनीता कुमारी, मिहिर कुमार झा, मोहम्मद निसार अहमद रिजवी और रामदेव महतो चुनाव मैदान में हैं.
बता दें कि पिछली बार मधुबनी में आरजेडी के टिकट से लड़ रहे समीर कुमार महासेठ ने बीजेपी के टिकट पर लड़ रहे रामदेव महतो को पटकनी दी थी, लेकिन इस बार ये सीट NDA गठबंधन में VIP के खाते में चली गई. वहीं पिछली बार के उपविजेता और चार बार मधुबनी का प्रतिनिधित्व कर चुके रामदेव महतो पार्टी से बगावत कर निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं.
राजनगर (सुरक्षित) विधानसभा
राजनगर विधानसभा क्षेत्र में 10 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. राजनगर से 8 प्रत्याशी अपने-अपने पार्टी के सिम्बल से जबकि मात्र दो प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. इसमें वर्तमान विधायक डॉ. रामप्रीत पासवान बीजेपी से, रामअवतार पासवान आरजेडी, संतोष कुमार पलूरल्स पार्टी, अरुण कुमार मंडल जागो हिंदुस्तान पार्टी, गोपाल चौपाल भारतीय चेतना पार्टी, चन्ने सदाय जनहित किसान पार्टी, राजाराम चौपाल वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल, शिव शंकर पासवान समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक, वहीं जय बंश कुमार राम और राजेश कुमार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं.
झंझारपुर से पूर्व मंत्री मैदान में
झंझारपुर विधानसभा से कुल 18 प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में हैं. पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. इनके अलावा रामनारायण यादव कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, पूर्व सांसद वीरेंद्र कुमार चौधरी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, संजीव कुमार सुमन द पलूरल्स पार्टी, ओमप्रकाश पोद्दार जनमत पार्टी, बैदेही कांत शरण अखिल भारतीय मित्र पार्टी, राजकुमार सदाय बहुजन मुक्ति पार्टी, रामचंद्र राय जनहित किस पार्टी, राम शंकर राउत सत्यबहुमत पार्टी, सदानंद सुमन जनअधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) से चुनाव मैदान में हैं.
वहीं अब्दुल इरफान, अभय कांत मिश्रा, गंगा प्रसाद गंगोत्री, गणपति झा, बंदना देवी, मदन कुमार महतो, राकेश कुमार यादव एवं लक्ष्मण प्रसाद यादव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं. पिछले चुनाव की बात करें तो आरजेडी के टिकट से लड़ रहे गुलाब यादव ने 64,320 (40.73%) वोट प्राप्त किये.
वहीं बीजेपी के टिकट पर लड़ रहे नीतीश मिश्रा को 63486 (40.2%) वोट मिले थे, वे मात्र 824 वोट से पीछे रह गए, लेकिन इस बार महागठबंधन में यह सीट कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के खाते में चली गयी, जिसके बाद यहां से रामनारायण यादव को चुनाव मैदान में उतारा गया है.
फुलपरास से पूर्व मंत्री सहित 15 प्रत्याशी मैदान में
फुलपरास विधानसभा से कुल 15 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. फुलपरास विधानसभा क्षेत्र में शीला कुमारी जेडीयू, कृपानाथ पाठक कांग्रेस, विनोद कुमार सिंह एलजेपी, बृजेश कुमार कुंवर द पलूरल्स, अशोक सिंह नेशनलिस्ट जनशक्ति पार्टी, गणेश यादव वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल, गौरी शंकर यादव जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक, परवेज आलम पीस पार्टी, रत्नेश कुमार साहू पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक, रामकुमार यादव समाजवादी जनता दल से चुनाव मैदान में हैं.
वहीं, गुलजार देवी, विजय कुमार, संजय कुमार सिंह, हृदय नारायण कामत और रेखा रंजन यादव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में खड़े हैं. पिछली बार फुलपरास में जेडीयू के टिकट से लड़ रहीं गुलजार देवी ने बीजेपी के टिकट पर लड़ रहे रामदेव महतो को पटकनी दी थी, लेकिन इस बार फुलपरास का 3 बार प्रतिनिधित्व कर चुकीं गुलजार देवी पार्टी से बगावत कर निर्दलीय ताल ठोंक रहीं हैं.
ये भी पढ़ें