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मनेर विधानसभा सीट: राजद के गढ़ में क्या सेंध लगा पाएगी जदयू-बीजेपी की जोड़ी?

1952 से अबतक इस सीट पर 16 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं, इनमें शुरुआती दशकों में यहां कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है. लेकिन पिछले कुछ वक्त में कांग्रेस यहां से गायब ही हो गई.

राजद का गढ़ है ये विधानसभा सीट (फोटो: ट्विटर प्रोफाइल) राजद का गढ़ है ये विधानसभा सीट (फोटो: ट्विटर प्रोफाइल)
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 2:15 PM IST
  • बिहार में शुरू हुई चुनावी हलचल
  • राजद का गढ़ है मनेर विधानसभा सीट

बिहार में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो गई है, अब दस नवंबर को नतीजों का इंतजार है. बिहार की मनेर विधानसभा सीट पर इस बार 3 नवंबर
को वोट डाले गए, यहां कुल 61.16 फीसदी मतदान हुआ.

पाटलिपुत्र लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली मनेर विधानसभा सीट पर भी इस बार मुकाबला दिलचस्प होने का अनुमान है. इस सीट पर अभी राष्ट्रीय जनता दल का कब्जा है और पिछले तीन चुनाव में उसी के हाथ जीत लग रही है. ऐसे में भाजपा-जदयू गठबंधन के सामने RJD के विजय रथ को रोकने की चुनौती होगी. 

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कौन-कौन है मैदान में?
भारतीय जनता पार्टी – निखिल आनंद
राष्ट्रीय जनता दल – भाई विरेंद्र 
शिवसेना – रबिंद्र कुमार

कब होना है चुनाव? 
दूसरा चरण – 3 नवंबर
नतीजा – दस नवंबर

विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास 
1952 से अबतक इस सीट पर 16 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं, इनमें शुरुआती दशकों में यहां कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है. लेकिन पिछले कुछ वक्त में कांग्रेस यहां से गायब ही हो गई. 1990 के बाद कांग्रेस यहां कोई चुनाव नहीं जीत पाई है. वहीं, 2005 के बाद से ही राष्ट्रीय जनता दल ने अपना कब्जा इस सीट पर जमाया हुआ है. 

क्या कहता है सामाजिक तानाबाना?
कई पंचायतों को जोड़कर बनी मनेर विधानसभा में यादव समुदाय के वोटरों का दबदबा है. यहां करीब एक लाख से अधिक यादव वोटर हैं, उसके बाद सवर्ण, महादलित वोटरों का नंबर आता है. ऐसे में राजनीतिक दल जातिगत समीकरण के आधार पर ही अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं. 2015 के चुनाव के हिसाब से यहां पर कुल वोटरों की संख्या 3 लाख के करीब वोटर हैं.

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2015 में क्या रहे थे नतीजे?
पिछले विधानसभा चुनाव में राजद और जदयू एक साथ ही लड़े थे, ऐसे में ये सीट राजद के खाते में गई थी. राजद की ओर से भाई वीरेंद्र यादव को यहां पर करीब 90 हजार वोट मिले थे, जबकि भाजपा के श्रीकांत निराला को 66 हजार वोट मिल पाए थे. श्रीकांत निराला इससे पहले जदयू और राजद दोनों पार्टी से चुनाव लड़ चुके हैं. 

विधायक का प्रोफाइल
स्थानीय विधायक भाई वीरेंद्र यादव 2005 से इस सीट पर विधायक हैं और लगातार जीत दर्ज करते हुए आ रहे हैं. मौजूदा वक्त में वो बिहार राजद के प्रवक्ता भी हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके पाटलिपुत्र लोकसभा सीट की चर्चाएं थीं, लेकिन तेज प्रताप यादव ने उनका विरोध किया. मौजूदा विधानसभा चुनाव से पहले भी मनेर में उनके खिलाफ काफी प्रदर्शन हो रहे हैं और पार्टी के कुछ नेताओं ने ही उम्मीदवार बदले जाने की मांग की है. 

 

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