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Darbhanga: ललित यादव ने छठवीं बार भरा नामांकन, कहा- चुनाव नेता के लिए एक परीक्षा

नामांकन दाखिल करने के बाद आरजेडी विधायक ललित यादव ने कहा कि लोकतंत्र में पांच साल बाद जनता के बीच नेता को जाना पड़ता है और जैसे कोई छात्र पढ़ाई कर परीक्षा देता है ठीक वैसे ही चुनाव नेता के लिए एक परीक्षा है. जिसमें जनता नेता के कामकाज का हिसाब लेती है फिर वही जनता नेता को पास या फेल करती है.

ललित यादव ने छठवीं बार भरा नामांकन (फोटो आजतक) ललित यादव ने छठवीं बार भरा नामांकन (फोटो आजतक)
प्रह्लाद कुमार
  • दरभंगा ,
  • 14 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 10:47 PM IST
  • बिहार में हो रहे हैं विधानसभा चुनाव
  • ललित यादव ने कर दिया नामांकन
  • दरभंगा ग्रामीण विधानसभा से उतरे

आरजेडी के विधायक ललित यादव ने छठवीं बार अपना नामांकन दरभंगा ग्रामीण विधानसभा से भरा. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह छात्र पढ़ाई कर परीक्षा देता है ठीक वैसे ही चुनाव नेता के लिए एक परीक्षा है. जनता नेता को पास या फेल करती है. 

नामांकन दाखिल करने के बाद आरजेडी विधायक ललित यादव ने कहा कि लोकतंत्र में पांच साल बाद जनता के बीच नेता को जाना पड़ता है और जैसे कोई छात्र पढ़ाई कर परीक्षा देता है ठीक वैसे ही चुनाव नेता के लिए एक परीक्षा है. जिसमें जनता नेता के कामकाज का हिसाब लेती है फिर वही जनता नेता को पास या फेल करती है. 

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आरजेडी 10 लाख लोगों को रोजगार देगी 

ललित यादव ने कहा कि उन्होंने अपने इलाके में बहुत काम किया है और जनता इस बात को बहुत अच्छी तरह से जानती है. उनकी सरकार न होने की वजह से कुछ काम रह गए हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जब जनता प्रभु राम से नाराज हो सकती है तो वो एक छोटे से इंसान ही हैं. उन्होंने लोगों को यह भी आश्वासन दिया कि बिहार में अगर आरजेडी की सरकार बनी तो बिहार की तस्वीर बदल जाएगी. 

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ललित यादव ने कहा कि उनके नेता ने कैबिनेट की पहली बैठक में ही 10 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही है और बिहार में बेरोजगारी और पलायन एक बड़ी समस्या है इसका निदान सिर्फ आरजेडी सरकार ही कर सकती है.

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बिहार में बेरोजगारी है बड़ी समस्या 

लालू यादव को अपना आदर्श मानने वाले ललित यादव पांच बार विधायक चुने गए हैं. ललित यादव ने लालू का दामन कभी नहीं छोड़ा. यही वजह है कि लालू परिवार के ये काफी करीबी भी माने जाते हैं और इसका इनाम भी ललित यादव को लगातार मिलता रहा. साथ ही जनता के साथ भी ललित यादव का जमीनी जुड़ाव होने के कारण नए परिसीमन के बाद भी उन्होंने जनता का विश्वास नहीं खोया और यहां की जनता ने उन्हें लगातार अपना नेता चुना.


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