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'केली बंगला' से एक्टिव हुए लालू यादव तो जेडीयू-बीजेपी ने साधा निशाना

बिहार में चुनावी सरगर्मी शुरू होते ही लालू प्रसाद का यह बंगला अब आरजेडी का चुनावी हेडक्वार्टर बन चुका है, क्योंकि रोजाना यहां पर दर्जनों की संख्या में टिकट पाने की आस में नेता और कार्यकर्ता चक्कर लगाते रहते हैं.

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (फोटो-रॉयटर्स) आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (फोटो-रॉयटर्स)
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 01 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 8:33 PM IST
  • केली बंगले में रह रहे हैं लालू प्रसाद यादव
  • रोजाना बंगले का चक्कर लगा रहे हैं नेता
  • बंगले को लेकर जेडीयू ने साधा है निशाना

बिहार चुनाव की सरगर्मियों के बीच रांची में जिस केली बंगले में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू यादव रह रहे हैं, उसे लेकर जेडीयू और बीजेपी ने सवाल उठाया है. जेडीयू ने केली बंगले में लालू यादव के रहने को जेल मैनुअल का उल्लंघन बताया है.

असल में, चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू प्रसाद काफी महीनों से खराब सेहत की वजह से पहले रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में भर्ती थे. लेकिन कोरोना के दौरान संक्रमण फैलने के खतरे के कारण उन्हें शिफ्ट करके 'केली बंगले' में रखा गया है. यह बंगला भी अस्पताल परिसर के अंदर ही है.

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बहरहाल, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पटना में स्थित आरजेडी के दफ्तर को छोड़कर अन्य सभी राजनीतिक दलों के दफ्तरों में आजकल काफी हलचल बनी हुई है. सवाल उठता है कि आखिर राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश कार्यालय में गहमागहमी क्यों नहीं है? इसका जवाब यह है कि पटना में स्थित आरजेडी का प्रदेश कार्यालय नहीं बल्कि रांची में स्थित 'केली बंगला' अब राष्ट्रीय जनता दल का नया चुनावी हेडक्वार्टर बन गया है.

चुनावी हेड क्वार्टर  

बिहार में चुनावी सरगर्मी शुरू होते ही लालू प्रसाद का यह बंगला अब आरजेडी का चुनावी हेडक्वार्टर बन चुका है, क्योंकि रोजाना यहां पर दर्जनों की संख्या में टिकट पाने की आस में नेता और कार्यकर्ता चक्कर लगाते रहते हैं.

सैकड़ों की संख्या में हर रोज आरजेडी के नेता और कार्यकर्ता पटना से रांची का दौरा कर रहे हैं. इसी कड़ी में 2 दिन पहले रांची जा रहे पार्टी के दो कार्यकर्ताओं की सड़क हादसे में मौत भी हो गई थी. बताया जा रहा है कि लालू के बंगले पर पहुंचने के बाद टिकट पाने की आस में नेता और कार्यकर्ता अपना बायोडाटा गेट के अंदर ही गिरा दे रहे हैं. 

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जेल मैनुअल का उल्लंघनः जेडीयू

जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, “किस राजनीतिक दल का कार्यालय जेल की सलाखों के पीछे है? यह कौन बनेगा करोड़पति जैसे प्रतियोगिता के लिए एक अच्छा सवाल बन चुका है. बिहार में इस सवाल का जवाब देने वाले कई लोग हैं. लालू प्रसाद सजायाफ्ता हैं. मगर जैसे अपने पार्टी की चुनावी रणनीति बना रहे हैं और उम्मीदवार भी तय कर रहे हैं. यह जेल मैनुअल का उल्लंघन है. लालू प्रसाद की पार्टी झारखंड सरकार में शामिल है. इसीलिए कोई भी उन्हें रोक नहीं रहा है. निर्वाचन आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए और झारखंड सरकार को फटकार लगाना चाहिए.” 

इस मुद्दे पर बीजेपी ने भी लालू प्रसाद पर निशाना साधा. पार्टी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, “लालू प्रसाद यादव ने रिम्स अस्पताल के निदेशक के आवासीय परिसर पर कब्जा जमा लिया है. इसका राजनीतिक दुरुपयोग खुल्लम-खुल्ला किया जा रहा है. टिकट की बोली पटना में भी लग रही है और रांची में भी. आरजेडी नेता और कार्यकर्ता लगातार पटना से रांची की दौड़ लगा रहे हैं.” 

आरजेडी बोली- बेवजह आरोप लगा रहे

वहीं आरजेडी ने लालू प्रसाद का बचाव करते हुए कहा कि महामारी के दौरान किसी भी आरजेडी नेता या कार्यकर्ता का उनसे मिलना संभव नहीं है. ऐसे में उनके रांची के बंगले का चुनावी हेड क्वार्टर बन जाना बीजेपी और जेडीयू द्वारा आरजेडी को बदनाम करने की साजिश है.

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राष्ट्रीय जनता दल प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “संक्रमण के खतरे को देखते हुए लालू प्रसाद यादव को डायरेक्टर के बंगले में शिफ्ट किया गया है. वहां पर उनसे मिलना किसी प्रकार से संभव नहीं है. मैं अपने विरोधियों से पूछना चाहता हूं कि वह क्या चाहते हैं कि लालू प्रसाद की जान चली जाए? गरीब और गुरबा लालू जी के बंगले के बाहर पहुंचकर भी संतुष्ट हो जाता है कि उन्हें लालू के दर्शन हो गए. बीजेपी और जेडीयू की तरफ से लालू पर बेवजह आरोप लगाए जा रहे हैं.” 

बता दें कि लालू प्रसाद को बंगले से वापस जेल में भेजने के लिए सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी. याचिका में कहा था कि लालू प्रसाद जेल मैनुअल का उल्लंघन कर रहे हैं और डायरेक्टर के बंगले को राजनीति का केंद्र बना दिया है.

 

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