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Muzaffarpur: नेताओं पर कटाक्ष करते हुए बनाया गाना- भूल से भी किसी दल में न जाना, वरना...

मुजफ्फरपुर के बोचहा विधानसभा क्षेत्र के एक वोटर ने नेताओं पर कटाक्ष करते हुए एक गाना सोशल मीडिया पर अपलोड किया है. जो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है. नेताओं पर गाना बनाने वाले मुकेश कुमार ने कहा कि नेता जो दलबदल कर किसी तरह चुनाव में आते हैं और झूठे वादे करते हैं उन पर उन्होंने गाना बनाया गया है. जिसे लोग बहुत पसंद कर रहे हैं.

बोचहा विधानसभा क्षेत्र के एक वोटर नें बनाया गाना सोशल मीडिया पर तेजी से हो रहा वायरल. बोचहा विधानसभा क्षेत्र के एक वोटर नें बनाया गाना सोशल मीडिया पर तेजी से हो रहा वायरल.
मणिभूषण शर्मा
  • मुजफ्फरपुर,
  • 16 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 11:46 AM IST
  • बोचहा विधानसभा क्षेत्र के एक वोटर ने बनाया गाना
  • सोशल मीडिया पर तेजी से हो रहा वायरल
  • नेताओं पर गाना बनाने वाले मुकेश कुमार ने गाया गाना

अक्सर चुनाव में प्रत्याशियों और राजनीतिक पार्टी द्वारा वोटरों को लुभाने के लिए गाना बनाया जाता है. लेकिन बोचहा की जनता ने नेताओं पर ही गाना बना दिया है जो मुजफ्फरपुर में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

मुजफ्फरपुर के बोचहा विधानसभा क्षेत्र के एक वोटर ने नेताओं पर कटाक्ष करते हुए एक गाना सोशल मीडिया पर अपलोड किया है, जो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है. नेताओं पर गाना बनाने वाले मुकेश कुमार ने कहा कि नेता जो दलबदल कर किसी तरह चुनाव में आते हैं और झूठे वादे करते हैं उन पर उन्होंने गाना बनाया गया है, जिसे लोग बहुत पसंद कर रहे हैं.

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मुसहरी प्रखण्ड के सुतिहारा के मुकेश कुमार द्वारा लिखे गए 'लो आ गया फिर चुनाव' हर किसी के मोबाइल में बजता दिखाई दे रहा है. इस गाने में मुकेश ने सीधे-सीधे कहा है कि चुनाव तो फिर से आ गए लेकिन अच्छे दिन नहीं आए. वहीं, उनका दूसरा गाना 'भूल से किसी दल में न जाना' भी तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें उन नेताओं पर कटाक्ष किया गया है जो दलबदल की राजनीति करते हैं.


.....लो आ गया फिर चुनाव,
अच्छे दिन नहीं आए .
रौती बिलखती जनता,
मतदान उनको करके .
आंखे भी थक गई है,
अब इंतजार करके.
बढ़ती ही जा रही है. दुःख दर्द के साये.

वहीं, दूसरा गाना भी वायरल हो रहा है.....

भूल से किसी दल में न जाना,
भूल से भी किसी दल में न जाना .
वरना पड़ेगा अपना वजूद गवाना.
भूल से भी किसी दल में न जाना
जनता को है प्रतिनिधि चुनना,
फिर क्यों दल के पांव पकड़ना.

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