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सुगौली विधानसभा सीट पर 57.90 फीसदी मतदान, RJD को क्या मिलेगी जीत

बिहार की सुगौली विधानसभा सीट पर इस बार कुल 26 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था जिसमें 25 आवेदन सही पाए गए. जबकि 1 की उम्मीदवारी खारिज हो गई. इस तरह से इस सीट पर 15 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है.

सुगौली से क्या आरजेडी कर पाएगी वापसी (सांकेतिक-पीटीआई) सुगौली से क्या आरजेडी कर पाएगी वापसी (सांकेतिक-पीटीआई)
सुरेंद्र कुमार वर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 18 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 6:19 PM IST
  • 1990 से पहले कांग्रेस यहां से 4 बार जीती
  • 2005 में बीजेपी को मिली पहली जीत
  • पिछले चुनाव में यहां से 14 उम्मीदवार थे

बिहार की सुगौली विधानसभा सीट पर 57.90 फीसदी मतदान हुआ. पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने ज्यादा वोट डाले.सुगौली विधानसभा सीट पर कुल 15 उम्मीदवार मैदान में है जिसमें मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल के इंजीनियर शशि भूषण सिंह और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के रामचंद्र साहनी के बीच है. लोक जनशक्ति पार्टी की ओर से विजय प्रसाद गुप्ता मैदान में हैं. पिछले चुनाव में रामचंद्र साहनी बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते थे.

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सुगौली विधानसभा सीट पर इस बार कुल 26 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था जिसमें 25 आवेदन सही पाए गए. जबकि 1 की उम्मीदवारी खारिज हो गई. इस तरह से इस सीट पर 15 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है. सुगौली सीट पर तीसरे चरण में 7 नवंबर को मतदान कराए गए. बिहार चुनाव के पहले चरण में 28 अक्टूबर को 16 जिलों की 71 सीटों पर मतदान हुआ तो दूसरे चरण में 3 नवंबर को 17 जिलों की 94 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई. जबकि तीसरे चरण (7 नवंबर) में 78 सीटों पर मतदान कराया गया. वोटों की गिनती 10 नवंबर को की जाएगी.

सुगौली विधानसभा सीट की बिहार विधानसभा में सीट क्रम संख्या 11 है. यह विधानसभा क्षेत्र पूर्वी चंपारण जिले में पड़ता है और यह पश्चिम चंपारण (लोकसभा) निर्वाचन क्षेत्र का एक हिस्सा भी है. 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद सुगौली विधानसभा सीट में बदलाव किया गया और इसके तहत सुगौली और रामघरवा सामुदायिक विकास ब्लॉक को शामिल कर लिया गया.

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सुगौली विधानसभा पहले बेतिया लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद यह पश्चिम चंपारण संसदीय क्षेत्र में आ गया. सुगौली विधानसभा सीट की बात करें तो इस सीट का इतिहास पुराना है और यहां से कई दलों को बारी-बारी से जीत मिली है. कांग्रेस ने शुरुआत में लगातार 2 चुनाव में जीत हासिल की. भारतीय जनसंघ ने 1967 के चुनाव में कांग्रेस से यह सीट छीन ली.

कम्युनिस्ट पार्टी 3 बार जीती

1990 से पहले इस सीट पर कांग्रेस को 4 बार और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को 3 बार जीत मिली. भारतीय जनसंघ और सोशलिस्ट पार्टी को 1-1 बार जीत मिली. 1990 के चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को जीत मिली. 1995 में चंद्रशेखर द्विवेदी बतौर निर्दलीय जीते. 2000 और फरवरी 2005 में विजय प्रसाद गुप्ता ने जीत हासिल की. विजय प्रसाद गुप्ता ने 2000 में निर्दलीय तो फरवरी 2005 में राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर जीते थे. राष्ट्रीय जनता दल को 15 साल बाद फिर से जीत का इंतजार है.

नवंबर 2005 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पहली बार यहां से जीत मिली और फिर जीत की हैट्रिक लगाते हुए यह सीट अपने पास बरकरार रखा. बीजेपी के रामचंद्र साहनी ने लगातार 3 बार जीत हासिल की. 

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10 हजार से कम रहा जीत का अंतर

2015 में हुए विधानसभा चुनाव में सुगौली विधानसभा सीट की बात की जाए तो इस सीट पर कुल 2,58,543 मतदाता थे जिसमें 1,39,957 पुरुष और 1,18,578 महिला मतदाता शामिल थे. 2,58,543 में से 1,55,495 मतदाताओं ने वोट डाले जिसमें 1,52,972 वोट वैध माने गए. इस सीट पर 60.1% मतदान हुआ था. जबकि नोटा के पक्ष में 2,523 लोगों ने वोट किया था.

सुगौली विधानसभा सीट पर 2015 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के रामचंद्र साहनी ने जीत हासिल की थी. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के ओम प्रकाश चौधरी को 7,756 मतों के अंतर से हराया था. रामचंद्र साहनी को 40.1% वोट मिले जबकि ओम प्रकाश को 35.1% वोट हासिल हुए. इस सीट पर 14 उम्मीदवार मैदान में थे. इनमें से 8 उम्मीदवार निर्दलीय थे.

विधायक रामचंद्र साहनी की शिक्षा के बारे में बात करें तो वह पोस्ट ग्रेजुएट हैं और 2015 में दाखिल हलफनामे के अनुसार उन पर एक आपराधिक केस दर्ज है. उनके पास 43,62,667 रुपये की संपत्ति है, जबकि उन पर 30,405 रुपये की लाइबिलटीज है.


 

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