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बिहार चुनाव में प्रचार में जुटे नेता, ताक पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियम!

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को मोकामा में एक राजनीतिक रैली को संबोधित किया जहां कुछ हजार लोग उन्हें सुनने के लिए एकत्र हुए. मौके से मिली तस्वीरों में चुनाव आयोग के कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का साफ उल्लंघन दिखाया.

बिहार में हर जारी है हर तरफ चुनावी रैलियों का शोर (फोटो-रोहित कुमार सिंह) बिहार में हर जारी है हर तरफ चुनावी रैलियों का शोर (फोटो-रोहित कुमार सिंह)
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 16 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 2:17 PM IST
  • नेता बड़ी संख्या में सड़कों पर निकल रहे
  • बिहार में हर तरफ चुनावी रैलियों का शोर
  • सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंड की दिखी अनदेखी

बिहार ने कोरोना वायरस के प्रकोप से संभलना शुरू किया है, लेकिन लगता है कि आने वाले चुनाव राज्य को फिर महामारी के डेंजर जोन में धकेल देंगे. पहले चरण के मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ ही नेता बड़ी संख्या में सड़कों पर निकल रहे हैं. हर तरफ चुनावी रैलियों का शोर है. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंड ताक पर रख दिए गए लगते हैं. 

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6-15 अगस्त के दौरान अपने पीक पर, बिहार में हर दिन लगभग 4,000 कोविड केस रिपोर्ट हो रहे थे जबकि अब ये संख्या घटकर लगभग 1,200 केस हर दिन पर आ गई है. 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को मोकामा में एक राजनीतिक रैली को संबोधित किया जहां कुछ हजार लोग उन्हें सुनने के लिए एकत्र हुए. मौके से मिली तस्वीरों में चुनाव आयोग के कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का साफ उल्लंघन दिखाया. 

गृह विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार,  इनडोर या आउटडोर सभी तरह की रैलियों में मास्क पहनना अनिवार्य है. बंद हॉल में 200 लोगों से अधिक एकत्र नहीं हो सकते और साथ ही छह फीट की दूरी का पालन करना जरूरी है. रैलियों में गले मिलना और हाथ मिलाने से बचना चाहिए. आयोजकों को पेपर नैपकिन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही स्थल पर उचित सैनिटेशन व्यवस्था करना भी जरूरी है. 

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इस सप्ताह की शुरुआत में, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने वैशाली जिले के महनार में एक रैली की. इस रैली में बड़ी संख्या में लोग आए. यहां मुश्किल से थोड़े लोगों ने ही मास्क पहन रखे थे. यहां सोशल डिस्टेसिंग के मानकों की साफ अनदेखी होती दिखी. 

बिहार में चुनावी रैली में दिखी सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी (फोटो-रोहित कुमार सिंह)

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेज प्रताप यादव ने मंगलवार को हसनपुर विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया तो वहां भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन होते दिखा. तेजप्रताप और उनके भाई तेजस्वी यादव दोनों रोसड़ा में एसडीओ कार्यालय में कागजात जमा करने के लिए जा रहे थे तो आरजेडी के सैकड़ों कार्यकर्ता उनके साथ दिखे.  

जब से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिहार विधानसभा चुनाव के साथ उपचुनावों वाले 11 और राज्यों में राजनीतिक रैलियों आयोजित करने से प्रतिबंध हटा दिया है, बीजेपी, जेडीयू और आरजेडी जैसे विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता नियमित रूप से हजारों लोगों की मौजूदगी में राजनीतिक रैलियां और रोड शो कर रहे हैं. 

जनसभा में कुछ ही लोग मास्क लगाकर आए (फोटो-रोहित कुमार सिंह)

जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा, “हम राजनीतिक रैलियों में भाग लेने के लिए आने वाले लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसे नियमों का पालन करने के लिए कह रहे हैं. हम बिहार में कोरोना वायरस को मात देने के किनारे तक पहुंच गए हैं, ऐसे में अब लापरवाही करना घातक हो सकता है.”   

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गया जिला प्रशासन ने 11 अक्टूबर को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के एक कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग नियमों की अनदेखी पर आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. पुलिस के मुताबिक रैली में भाग लेने वाले लोगों ने कथित तौर पर मास्क न पहनकर और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों को न मानकर दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया. 

बिहार में 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को तीन चरणों में मतदान होना है. चुनाव नतीजे 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.


 

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