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वैशाली: गौरवशाली इतिहास समेटे जिले में RJD का है दबदबा

कुल 8 विधानसभा सीटों वाला यह जिला हाईप्रोफाइल है. पिछले चुनाव में इसी जिले की महुआ और राघोपुर विधानसभा सीट से आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दोनों पुत्र तेज प्रताप और तेजस्वी ने जीत दर्ज की थी.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 2:50 AM IST
  • बुद्ध ने अपना आखिरी प्रवचन यहीं दिया था,
  • जिले में हैं कुल 8 विधानसभा सीटें
  • लालू के दोनों पुत्रों ने यहीं से जीत दर्ज की

बिहार का वैशाली जिला अपनी अतीत में गौरवशाली विरासत समेटे हुए है. वैशाली बौद्ध तीर्थ होने के साथ-साथ भगवान महावीर का जन्मस्थान भी है. कहा जाता है कि बुद्ध ने यहां काफी समय बिताया है. बुद्ध ने यहीं अपना आखिरी प्रवचन दिया और निर्वाण भी किया. कुल 8 विधानसभा सीटों वाला यह जिला हाईप्रोफाइल है. पिछले चुनाव में इसी जिले की महुआ और राघोपुर विधानसभा सीट से आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दोनों पुत्र तेज प्रताप और तेजस्वी ने जीत दर्ज की थी. 

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सामाजिक तानाबाना

वैशाली जिला 2036 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है. 2011 की जनगणना के मुताबिक जिले की जनसंख्या 34 लाख 95 हजार 249 है. इसमें पुरुषों की संख्या 18 लाख 47 हजार 49 है. वहीं महिलाओ की संख्या 16 लाख 48 हजार 191 है. यहां 93 फीसदी से भी ज्यादा की आबादी ग्रामीण इलाके में रहती है. जिले की साक्षरता दर 68.6 फीसदी है. वैशाली जिले में 3 अनुमंडल हैं, हाजीपुर, महुआ और महनार. उत्तरी बिहार में बसा यह जिला पटना, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर के करीब है. 12 अक्टूबर 1972 को मुजफ्फरपुर से अलग कर वैशाली को अलग जिला बनाया गया. जिले में केला, आम और लीची की अच्छी पैदावार होती है. इसके अलावा गेहूं, चावल, मक्का और तंबाकू भी यहां काफी होता है. गंगा और गंडक यहां दो प्रमुख नदियां हैं. यहां लगने वाला सोनपुर मेला विश्वप्रसिद्ध है. 

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बौद्ध तीर्थस्थल
महात्‍मा बुद्ध के अंतिम उपदेश की याद में सम्राट अशोक ने यहां कोल्‍हुआ में लाल बलुआ पत्‍थर के एकाश्म सिंह-स्‍तंभ की स्‍थापना की थी. लगभग 18.3 मीटर ऊँचे इस स्‍तम्भ के ऊपर घंटी के आकार की बनावट है जो इसको आकर्षक बनाता है. इसके अलावा दूसरे बौद्ध परिषद की याद में यहां पर दो बौद्ध स्‍तूपों का निर्माण किया गया था. पहले तथा दूसरे स्‍तूप में भगवान बुद्ध की अस्थियां मिली हैं. यह स्‍थान बौद्ध अनुयायियों के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है. 

2015 का जनादेश
जिले में कुल 8 विधानसभा सीटें हैं. हाजीपुर, महनार, लालगंज, पातेपुर, वैशाली, महुआ, राजापाकड़ और राघोपुर. हाजीपुर विधानसभा सीट पर पिछले चुनाव में बीजेपी के अवधेश सिंह ने 12195 सीटों से जीत दर्ज की थी. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी जगन्नाथ को मात दी थी. महनार सीट की बात करें तो यहां से जेडीयू के उमेश सिंह कुशवाहा को कुल 69825 वोट मिले थे. बीजेपी के डॉ. अच्युता को 43370 वोट ही मिले थे. लालगंज विधानसभा सीट से एलजेपी के राजकुमार साह ने जेडीयू के विजय कुमार को 20293 वोटों से हराया था. पातेपुर सीट की बात करें तो यहां से पिछले चुनाव में आरजेडी की प्रेमा चौधरी ने बीजेपी के महेंद्र को 12461 वोटों से हराया था. वैशाली विधानसभा सीट से जेडीयू के राजकिशोर ने 79286 वोट पाकर जीत दर्ज की थी. यहां से दूसरे नंबर पर हम के प्रत्याशी थे. महुआ सीट से लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेज प्रताप यादव ने जीत दर्ज की थी. उन्हें कुल 66927 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर हम के प्रत्याशी रवींद्र को कुल 38772 वोट ही मिले थे. राजापाकड़ सीट से आरजेडी के शिवचंद्र राम ने कुल 61251 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. दूसरे नंबर पर एलजेपी के रामनाथ रहे थे. राघोपुर सीट से लालू यादव के दूसरे पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव ने 91236 वोट हासिल कर विजयी हुए थे. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को कुल 22733 मतों से हराया था.

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