
विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश साहनी ने पटना पहुंचते ही कहा कि आज से उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा है. उन्होंने यह भी कहा कि जितनी उम्मीद थी उतनी सीटें तो उन्हें नहीं मिलीं लेकिन हमारी सीटें दो अंकों में होंगी. सीट बंटवारे पर महागठबंधन से बेहद खफा मुकेश साहनी ने कहा कि हम धोखेबाजों को हरा कर ही दम लेंगे.
बता दें कि एनडीए ने मंगलवार को सीटों के बंटवारे का ऐलान कर दिया. इसके मुताबिक जेडीयू 122 सीटों पर और बीजेपी 121 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हालांकि जेडीयू अपने हिस्से की 7 सीटें हम पार्टी को दी है, जबकि बीजेपी को वीआईपी को अपने हिस्से से सीटें देनी है.
पहले यह खबर आई थी कि बीजेपी 9 सीटें विकासशील इंसान पार्टी को दे रही है. लेकिन जानकार सूत्र बताते हैं कि वीआईपी 3 और सीटों की मांग बीजेपी से कर रही है.
डबल डिजिट की सीटों पर लड़ेंगे चुनाव
यही वजह है कि पटना पहुंचते ही मुकेश साहनी ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार में डबल डिजिट की सीटों पर चुनाव लड़ेगी. यानी ये 12 भी हो सकती है या 10 भी. एनडीए के प्रेस कॉन्फ्रेंस में विकासशील पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी इसका ऐलान नहीं किया गया.
पिछले शनिवार को महागठबंधन के प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीटों की संख्या नहीं बताने की वजह से मुकेश साहनी बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस से उठकर बाहर चले गए थे और महागठबंधन से अपना नाता तोड़ दिया उसके बाद से ही लगातार वह बीजेपी के संपर्क में थे.
बीजेपी महागठबंधन दोनों से संपर्क में थे
दिल्ली में तमाम नेताओं से बातचीत करने के बाद और सीटों का तालमेल तय होने के बाद वह मंगलवार को पटना लौटे. मुकेश साहनी के बारे में यही बताया जाता है कि पिछले 1 महीने से वह बीजेपी के संपर्क में थे, साथ ही महागठबंधन यानी कि आरजेडी से भी उनकी बातचीत चल रही थी. मगर महागठबंधन के साथ उनकी बात नहीं बनी.
खुद चुनाव नहीं लडेंगे मुकेश साहनी
महागठबंधन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आखिरी वक्त में मेरे पीठ में खंजर भोंका गया. इसलिए एनडीए में उतनी सीटें नहीं मिलीं जितनी मिलनी चाहिए. उन्होंने ये भी ऐलान किया कि वो विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं.
जेएमएम के अकेले चुनाव लड़ने पर मुकेश साहनी ने कहा कि महागठबंधन में किसी का सम्मान नहीं है. इसलिए मांझी, कुशवाहा और जेएमएम ने साथ छोड़ दिया. इसमें सबसे बड़ी गलती कांग्रेस की है. कांग्रेस के नेताओं के साथ दिल्ली में पहले मुलाकात हुई थी. उन्होंने मुझे भरोसा दिया था. पर मुझे अंधेरे में रखा गया.