
चुनावों के दौरान विवादित बयान देने वाले नेताओं को चुनाव आयोग कारण बताओ नोटिस जारी करता है. बीजेपी की शिकायत पर दो विपक्षी नेताओं-कांग्रेस की प्रियंका गांधी और AAP के अरविंद केजरीवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में टिप्पणी करने के लिए नोटिस जारी हुआ. ऐसा नहीं है कि केवल विपक्ष के नेताओं को ही इस साल कारण बताओ नोटिस जारी हुआ हो, बल्कि बीजेपी के भी एक बड़े नेता को विवादित बयानों की वजह से नोटिस मिला है.
अरविंद केजरीवाल
चुनाव आयोग ने 13 नवंबर को आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पीएम मोदी के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया और 16 नवंबर तक चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप का जवाब देने को कहा. आम आदमी पार्टी ने 'एक्स "पर उद्योगपति गौतम अडानी और प्रधानमंत्री मोदी का एक वीडियो पोस्ट किया था. अगले दिन पार्टी ने अडानी और मोदी की एक तस्वीर पोस्ट की और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री उद्योगपति के लिए काम करते हैं, लोगों के लिए नहीं.
प्रियंका गांधी
चुनाव आयोग ने 13 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में कथित रूप से असत्यापित और झूठे बयान देने के लिए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया. उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भेल को अपने उद्योगपति दोस्तों को दे दिया. इस बयान पर बीजेपी की शिकायत के बाद आयोग ने प्रियंका गांधी को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा. इससे पहले अक्टूबर में, चुनाव आयोग ने निर्धारित विधानसभा चुनावों से पहले राजस्थान में मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए प्रियंका गांधी को नोटिस जारी किया था.
हिमंता बिस्वा सरमा
चुनाव आयोग ने असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा को छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान 'अकबर' टिप्पणी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरमा ने कहा, "अगर कोई अकबर किसी स्थान पर आता है, तो वह 100 अकबरों को बुलाता है. इसलिए, उसे जल्द से जल्द विदा कर दें अन्यथा माता कौशल्या की भूमि अशुद्ध हो जाएगी."
इसके अलावा आयोग ने सरमा के भाषण के दूसरे हिस्से को चिन्हित किया, जिसमें उन्होंने कहा, "हमारे देश में कांग्रेस शासन के दौरान लव जिहाद शुरू हुआ. आज छत्तीसगढ़ के आदिवासियों और हमारे असम जैसे आदिवासियों को आए दिन इस्लाम अपनाने के लिए उकसाया जाता है और जब उनके खिलाफ आवाज उठती है तो भूपेश बघेल जी कहते हैं कि हम धर्मनिरपेक्ष हैं. क्या यह हिंदुओं को पीटना आपकी धर्मनिरपेक्षता का रूप है? यह हिंदुओं का देश है और हिंदुओं का ही रहेगा. हमें धर्मनिरपेक्षता की यह भाषा मत सिखाएं.”
सरमा को नोटिस जारी करते हुए चुनाव पैनल ने मुख्यमंत्री को चुनाव संहिता के एक प्रावधान की याद दिलाई, जिसमें कहा गया है कि "कोई भी पार्टी या उम्मीदवार किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकता है या आपसी नफरत पैदा कर सकता है या विभिन्न जातियों और समुदायों के बीच धार्मिक या भाषायी तनाव पैदा कर सकता है.
कर्नाटक चुनाव से पहले कांग्रेस को नोटिस जारी
चुनाव आयोग ने कर्नाटक में 'भ्रष्टाचार दर कार्ड "के विज्ञापनों को लेकर कांग्रेस को नोटिस जारी किया था. आयोग ने अपने आरोपों को साबित करने के लिए पार्टी से सबूत मांगे थे. भाजपा द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद नोटिस जारी किया गया था.