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Delhi elections 2020: करोल बाग सीट से AAP की 'हैट्रिक' तो BJP की 'चौके' पर नजर

2015 में हुए विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो करोल बाग विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विशेष रवि ने जीत हासिल की थी. उन्होंने चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार योगेंद्र चंदोलिया को 32,880 मतों के अंतर से हराया था. तब इस चुनाव में यहां से कुल 11 उम्मीदवार मैदान में थे.

Delhi elections 2020: करोल बाग सीट से चौथी जीत की आस में बीजेपी (फाइल) Delhi elections 2020: करोल बाग सीट से चौथी जीत की आस में बीजेपी (फाइल)
सुरेंद्र कुमार वर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 3:38 PM IST

  • 1993 से ही अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व सीट
  • 2013 से 2 बार जीत चुकी है आम आदमी पार्टी
  • 22 साल बाद पहली जीत पर कांग्रेस की नजर

दिल्ली विधानसभा (Delhi Elections 2020) की 70 सीटों में से एक करोल बाग विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट भी है जो सेंट्रल दिल्ली जिले में पड़ता है. 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में 1,64,715 वोटर्स थे जिसमें 90,435 पुरुष और 74,272 महिला वोटर्स शामिल थे. जबकि 8 मतदाता थर्ड जेंडर के थे.

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करोल बाग दिल्ली के प्रतिष्ठित बाजारों में से एक है और बड़ी संख्या में लोग वहां खरीदारी के लिए जाना पसंद करते हैं. बाजार के लिए मशहूर करोल बाग विधानसभा सीट पर पिछले चुनाव में कुल 1,64,715 वोटर्स थे जिसमें से 1,12,751 वोटर्स ने वोट डाले. जबकि 411 मत नोटा के पक्ष में पड़े थे. करोल बाग 1993 से ही अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व सीट है.

2015 में 11 उम्मीदवार

2015 में हुए विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो करोल बाग विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी (AAP) के विशेष रवि ने जीत हासिल की थी. उन्होंने चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार योगेंद्र चंदोलिया को 32,880 मतों के अंतर से हराया था. इस चुनाव में कुल 11 उम्मीदवार मैदान में थे.

आम आदमी पार्टी के विशेष रवि ने कुल मतों का 67,429 (59.8 फीसदी) मत हासिल किया. जबकि दूसरे स्थान पर रहे योगेंद्र चंदोलिया ने 34,549 यानी 30.6% मत हासिल किया. कांग्रेस के मदन खोरवाल तीसरे स्थान पर रहे थे.

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1993 से ही SC के लिए आरक्षित

दिल्ली विधानसभा में करोल बाग विधानसभा सीट 1993 से ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रही है. यह दिल्ली की ऐसी सीट रही है जिस पर किसी भी दल का हमेशा कब्जा नहीं रहा है. हालांकि 1993 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस सीट पर जीत से आगाज किया था. तब बीजेपी के एसपी रतवाल ने जीत हासिल की थी.

बीजेपी ने 1993 के अलावा 2003 और 2008 में जीत हासिल की थी. जबकि इस सीट से कांग्रेस को महज एक बार जीत मिली और वह भी 1998 में.

2013 में दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी के आगमन के बाद हुए विधानसभा चुनाव में आप पार्टी ने पहली जीत का स्वाद चखा. फिर 2015 में भी अपनी पकड़ बनाए रखी और जीत दर्ज कराई. आम आदमी पार्टी के विशेष रवि लगातार 2 बार यहां से चुनाव जीत चुके हैं.

क्या 22 साल बाद कांग्रेस को मिलेगी जीत

2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के विशेष रवि ने 67,429 मत हासिल किया, जबकि भारतीय जनता पार्टी के योगेंद्र चंदोलिया को 34,549 वोट मिले थे. 5 उम्मीदवारों को 100 से भी मत मिले थे.

करोल बाग विधानसभा सीट से बीजेपी के एसपी रटवाल और आम आदमी पार्टी के विशेष रवि 2-2 बार चुनाव जीत चुके हैं. इस तरह इस बार चुनाव में इन दोनों पार्टियों पर नजर रहेगी कि किस पार्टी को जीत मिलेगी. बीजेपी यहां से 3, आम आदमी पार्टी 2 और कांग्रेस 1 बार चुनाव जीत चुकी है. कांग्रेस 22 साल बाद जीत के लिए मैदान में उतरेगी तो बीजेपी आम आदमी पार्टी की लगातार 2 जीत के रिकॉर्ड को ध्वस्त करना चाहेगी.

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पिछले विधायक विशेष रवि की बात की जाए तो 2015 के चुनाव में दाखिल हलफनामे के अनुसार वह 12वीं पास हैं और दिल्ली के युवा विधायकों में से एक हैं. 36 वर्षीय विशेष रवि के पास 7,17,000 रुपये की संपत्ति है. उनके खिलाफ एक भी आपराधिक केस दर्ज नहीं है.

कब होगी मतगणना?

दिल्ली की पहली विधानसभा का गठन नवंबर 1993 में हुआ था. इससे पहले दिल्ली में मंत्रीपरिषद हुआ करती थी.

70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे जबकि 11 फरवरी को मतगणना होगी. मौजूदा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 को समाप्त हो रहा है.

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