
दिल्ली विधानसभा (Delhi Elections 2020) की 70 सीटों में से एक मटिया महल विधानसभा उन विधानसभा क्षेत्रों में शुमार है जहां आज तक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस चुनाव हासिल नहीं कर सकी है. साथ यह दिल्ली की उन चंद सीटों में से एक है जहां पर कांग्रेस और बीजेपी की पकड़ कभी नहीं रही है.
दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से एक मटिया महल चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है और सेंट्रल दिल्ली जिले के तहत आता है. 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में मटिया महल विधानसभा क्षेत्र में 1,15,936 वोटर्स थे जिसमें 61,714 पुरुष और 54,212 महिला वोटर्स शामिल थे. जबकि 10 मतदाता थर्ड जेंडर के थे.
2015 के चुनाव में 17 उम्मीदवार
2015 में हुए विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो मटिया महल विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी (AAP) के असिम अहमद खान ने जीत हासिल की थी. उन्होंने चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार शोएब इकबाल को 26,096 मतों के अंतर से हराया था. खास बात यह रही कि शोएब इकबाल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने से पहले जनता दल यूनाइटेड और अन्य पार्टियों के टिकट पर चुनाव लड़ते रहे और हर बार जीतते रहे थे.
इस चुनाव में कुल 17 उम्मीदवार मैदान में थे. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) यहां पर तीसरे स्थान पर रही थी और उसकी ओर से मैदान में उतरने वाले शकील अंजुम ने 9,105 मत हासिल किया था.
शोएब इकबाल इस बार आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं. 2015 में वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे. पिछले 6 चुनाव में वह 4 अलग-अलग पार्टियों के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और इसमें 5 जीत हासिल भी की. हो सकता है कि वह इस बार आम आदमी पार्टी के टिकट पर लड़ें.
7 उम्मीदवारों को 100 से भी कम वोट
आम आदमी पार्टी के असिम अहमद खान को कुल मतों का 47,584 (59.2 फीसदी) मत मिले. जबकि दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के शोइब इकबाल ने 21,488 यानी 26.8% मत हासिल किया. बीजेपी तीसरे स्थान पर रही थी. 7 उम्मीदवारों को 100 से भी कम मत मिले.
1993 में दिल्ली में पूर्ण विधानसभा की व्यवस्था होने के बाद पहली बार यहां चुनाव कराया गया तो मटिया महल विधानसभा क्षेत्र में जनता दल की टिकट पर शोएब इकबाल ने किस्मत आजमाई और बीजेपी की बेगम खुर्शिद को हराकर अपनी जीत का आगाज किया.
शोएब इकबाल 1993 से लेकर 2013 तक लगातार 20 साल तक यहां से चुनाव जीतते रहे. 1993 और 1998 में शोएब इकबाल जनता दल के टिकट से तो 2003 में जनता दल सेकुलर के टिकट पर जीते. 2008 में शोएब ने लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी. 2013 में शोएब जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर चुनाव लड़ते हए अपनी लगातार जीत का पंजा लगाया.
सिर्फ एक बार नंबर टू रही बीजेपी
पिछले 27 सालों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की स्थिति यहां पर बेहद खराब रही है. जीत की कौन कहे बीजेपी इस सीट पर पिछले 6 विधानसभा चुनाव में महज एक बार 1993 में ही दूसरे नंबर पर आ सकी है.
1993 के बाद से बीजेपी कभी भी शीर्ष 2 में शामिल नहीं रही. जबकि कांग्रेस पिछले 6 मौकों में से 5 बार नंबर दो पर रही लेकिन उसे भी जीत नसीब नहीं हुई.
पिछले विधायक आम आदमी पार्टी के असिम अहमद खान की बात की जाए तो 2015 के चुनाव में दाखिल हलफनामे के अनुसार वह स्नातक हैं और दिल्ली के युवा विधायकों में से एक हैं. 43 वर्षीय असिम अहमद खान के पास 2015 में दाखिल हलफनामे के अनुसार 6,53,49,988 रुपये की संपत्ति है. उनके खिलाफ एक भी आपराधिक केस दर्ज नहीं है.
11 फरवरी को मतगणना
दिल्ली की पहली विधानसभा का गठन नवंबर 1993 में हुआ था. इससे पहले दिल्ली में मंत्रिपरिषद हुआ करती थी. इस बार 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे जबकि 11 फरवरी को मतगणना होगी. मौजूदा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 को समाप्त हो रहा है.