
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी करने वाले 11 उम्मीदवारों की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है. हाई कोर्ट ने कहा कि अभी इस स्टेज पर ऐसी याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती है क्योंकि नामांकन की तारीख निकलने के बाद आर्टिकल-226 में याचिका सुनवाई योग्य नहीं रह गई है. बता दें कि 11 उम्मीदवारों ने दायर याचिका में चुनाव आयोग के अधिकारी पर आरोप लगाया कि उन्हें नामांकन नहीं करने दिया गया, जबकि उनके पास टोकन भी था.
2 घंटे तक चली सुनवाई
इस मामले में हाई कोर्ट में करीब 2 घंटे तक सुनवाई चली. चुनाव आयोग ने कोर्ट से कहा कि ये याचिका सुनवाई योग्य ही नहीं है क्योंकि एक बार नामंकन की तारीख निकलने के बाद कोई नामांकन स्वीकार नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग नामांकन में खामियां होने पर किसी भी प्रत्याशी का नामांकन खारिज कर सकता है और उस प्रकिया पर सवाल नहीं उठाया जा सकता.
केजरीवाल को VIP ट्रीटमेंट दिया गया
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि केजरीवाल को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया और नियमों और गाइडलाइंस को फॉलो नहीं किया गया. इस पर कोर्ट ने सवाल उठाया कि आपके पास इस आरोप के कोई सबूत नहीं हैं, सिवाय कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के. ऐसे में ये कैसे साबित होगा कि चुनाव आयोग ने नामांकन के दौरान नियमों का पालन नहीं किया?
रिटर्निंग ऑफिसर ने इनकार कर दिया था
वहीं, 11 उम्मीदवारों की ओर से कहा गया कि नामांकन को लेकर उन्होंने 20 और 21 जनवरी को प्रयास किया था, लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर ने इनकार कर दिया. याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट से गुहार लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि उन्हें नामांकन करने दिया जाए.
8 फरवरी को वोटिंग और 11 को आएंगे नतीजे
चुनाव आयोग ने कहा कि अगर नामंकन में कोई गड़बड़ी की बात को स्वीकार कर भी लिया जाए तो भी नामांकन भरने और वापस लेने की दोनों तारीख निकल चुकी है. ऐसे में कोर्ट का कोई भी आदेश चुनाव प्रकिया को प्रभावित कर सकता है. दिल्ली में चुनाव की तारीख 8 फरवरी पहले ही तय हो चुकी है. चुनाव आयोग स्वतंत्र संस्था है और जनप्रितिनिधि एक्ट के तहत चुनाव समय पर कराना आयोग की जिम्मेदारी है और नतीजे 13 फरवरी को देना अनिवार्य है.
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लगाई जा सकती है इलेक्शन पिटीशन
कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता चुनाव आयोग पर नामांकन में हुई गड़बड़ियों पर याचिका लगाना चाहते हैं तो चुनाव के बाद इलेक्शन पिटीशन लगाई जा सकती है. लेकिन नामंकन के रद्द होने पर दोबारा नामंकन संभव नहीं है. याचिकाकर्ता ने कहा कि हम नामांकन के बाद या चुनाव को लेकर कोई सवाल नहीं उठा रहे हैं. हम सिर्फ नामंकन के दौरान खामियों पर सवाल उठा रहे हैं, जिसके चलते हमारा नामंकन खारिज किया गया.