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Goa Election: उत्पल पर्रिकर ने बताई निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की वजह

गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर गोवा की पणजी सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. उत्पल पर्रिकर ने बताया कि आखिर क्यों उन्हें पणजी सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरना पड़ा.

आजतक से बातचीत करते उत्पल पर्रिकर. आजतक से बातचीत करते उत्पल पर्रिकर.
राजदीप सरदेसाई
  • पणजी,
  • 28 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:11 AM IST
  • उत्पल ने 'घरानेशाही' पर भी अपनी राय रखी
  • उत्पल ने कहा- मैंने पिछली बार पार्टी की बात मानी थी

मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने विधानसभा चुनाव में गोवा की राजधानी पणजी (Panjim) विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. उत्पल पर्रिकर ने गुरुवार को पणजी निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है. भाजपा ने पणजी विधानसभा सीट से बाबुश मोनसेराटे को टिकट दिया है जो कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए हैं.

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मनोहर परिकर के बेटे उत्पल परिकर गोवा के पणजी सीट से सीट से टिकट मांग रहे थे. टिकट नहीं मिलने पर उत्पल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इस मामले पर इंडिया टुडे टीवी कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई ने उत्पल पर्रिकर से बातचीत की.

सवाल: आपके पिता ने जिस पार्टी को गोवा में बनाया, पहचान दिलाई, उस पार्टी के खिलाफ आप चुनाव लड़ रहे हैं, आखिर क्यों ये निर्णय लेना पड़ा?

जवाब: निर्णय कठिन है लेकिन जिस तरह का कैंडिडेट भाजपा ने पणजी में दिया है, उसकी वजह से मुझे इस सीट से चुनाव लड़ना पड़ रहा है. 

सवाल: यानी ये लड़ाई आपकी भाजपा के खिलाफ नहीं है, ये लड़ाई बाबुश मोनसेराटे के खिलाफ है जिन्हें भाजपा ने टिकट दिया है.

जवाब: आप ये कह सकते हैं लेकिन बाबुश मोनसेराटे के खिलाफ जिस तरह के क्रिमिनल रिकॉर्ड हैं, वो मैं और आप बता भी नहीं सकते हैं. ऐसे में जिस विधानसभा क्षेत्र में मेरे पिताजी ने जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व किया था, वहां के जो कार्यकर्ता हैं, जो लोग हैं जिनसे मेरे संबंध हैं. ये उनका विचार है और उनका विचार लेकर मुझे आगे बढ़ना पड़ रहा है.

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सवाल: भाजपा कहती है कि हमारे पार्टी में घरानेशाही नहीं है, इसे लेकर क्या कहेंगे?

जवाब: पिछली बार भी भाजपा ने मुझे टिकट नहीं दिया था. मैंने पार्टी की बात भी मान ली थी. लेकिन इस बार जो भाजपा का कैंडिडेट है, जो उन्होंने यहां की जनता के लिए डिसिजन लिए हैं, उसकी वजह से मुझे चुनाव लड़ना पड़ रहा है.

सवाल: आपको क्या लगता है कि गोवा में नई बीजेपी बनी है, कई ऐसे उदाहरण हैं जिसमें पति और पत्नी को टिकट दिया गया है, क्या कहेंगे?

जवाब: इसका जवाब तो पार्टी के नेता ही दे सकते हैं. मुझे जनता को एक बेहतर ऑप्शन देना था, जनता की बात माननी थी, इसलिए चुनाव लड़ रहा हूं.

बता दें कि गोवा विधानसभा की कुल 40 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को मतदान होना है. AAP और TMC के आने से गोवा का चुनाव और भी रोमांचक हो गया है. इससे पहले बीजेपी और कांग्रेस ही वहां की बड़ी पार्टियां थीं.

राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव फरवरी 2017 में हुआ था. कांग्रेस 15 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन वो सरकार नहीं बना सकी. बीजेपी ने 13 सीटें जीतीं और वो एमजीपी, जीएफपी व दो निर्दलीय विधायकों के सहारे सरकार बनाने में सफल रही. मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री बने, लेकिन 17 मार्च 2019 को मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद डॉ. प्रमोद सावंत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया.

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