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गोवा में बीजेपी से दूरी क्यों बनाए हुए हैं क्षेत्रीय दल? नेताओं ने दिया जवाब

India Today Conclave: कार्यक्रम के दूसरे सत्र 'क्या गोवा में क्षेत्रीय दलों का पतन हो रहा है?' में महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के नेता डॉ केतन भटिकर, गोवा फॉर्वड पार्टी के के विधायक विजय सरदेसाई, रिवॉल्यूश्नरी गोवान पार्टी के संस्थापक मनोज परब शामिल हुए हैं.

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aajtak.in
  • पणजी,
  • 03 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 6:10 PM IST
  • परब बोले- कई नेताओं के लैंड माफियाओं से संबंध
  • भटिकर बोले- हम बीजेपी के पास कभी नहीं गए

India Today Round Table: बहुत जल्द देश के पांच राज्यों में चुनाव होने हैं. इनमें से एक गोवा में विधानसभा चुनाव के लिए 14 फरवरी को मतदान होगा. इससे पहले गुरुवार को गोवा में इंडिया टुडे राउंड टेबल का आयोजन किया गया.  इस खास कार्यक्रम के एक सत्र 'क्या गोवा में क्षेत्रीय दलों का पतन हो रहा है?' में महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के नेता डॉ केतन भटिकर, गोवा फॉर्वड पार्टी के विधायक विजय सरदेसाई, रिवॉल्यूश्नरी गोवान पार्टी के संस्थापक मनोज परब शामिल हुए हैं.

यहां विजय सरदेसाई और केतन भटिकर ने साफ कह दिया कि उनके लिए भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिलाने का सवाल ही नहीं उठता. बीजेपी से साथ न आने के सवाल पर विजय सरदेसाई ने यहां कहा- जिस कारण शरद पवार बीजेपी के पास नहीं गए उसी कारण हम बीजेपी के पास नहीं गए. हम कभी भी बीजेपी के साथ नहीं हो सकते.  

विजय सरदेसाई से पूछा गया कि गोवा के लिए आपने क्या किया? इसपर उन्होंने कहा कि टाउन एंट कंट्री प्लानिंग मिनिस्टर के रूप में मैंने एग्रीकल्चर लैंड को प्लाट के रूप में बेचने की इजाजत दी. उन्होंने कहा कि- हमारे देश के टूरिज्म मंत्री कहते हैं कि गोवा देश की कसीनो कैपिटल है. ये गलत है, हमारे लिए गोवा का कल्चरल हैरिटेज अहम है. हमें अतिथ्य के लिए जाना जाता है. 

इस बार बीजेपी को 10 सीटें भी नहीं मिलने वाली: एमजीपी नेता

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एमजीपी नेता डॉ केतन भटिकर ने कहा- हम बीजेपी के पास कभी नहीं गए, वह हमेशा हमारे पास आए. मुझे भरोसा है कि इस बार बीजेपी को 10 सीटें भी नहीं मिलने वाली. बीजेपी हिंदुत्व का गुणगान करती है. वो हमें नहीं सिखा सकते कि हिंदुत्व क्या है. हमें एक विकासशील गोवा बनाना है. इसके ध्यान में रखते हुए हम किसी हाल में बीजेपी का हाथ नहीं थामने वाले.

उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब गोवा में एमजीपी का राज था. अब नहीं है, इसका कारण है कि लोगों की मानसिकता केंद्र की ओर होती है. भटिकर ने कहा मेरे हिसाब से गोवा हो या कर्नाटक किसी की कहीं भी काम करने और पढ़ने की इजाजत है. गोवा में गोवा के लोगों को ही नौकरी मिले, हम इसका समर्थन नहीं करते. ये बात किसी सिंड्रेला वर्ल्ड की तरह है.

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रिवॉल्यूश्नरी गोवान पार्टी के संस्थापक मनोज परब से पूछा गया कि लोग कहते हैं कि आप दूसरे राज ठाकरे बनना चाहते हैं? इसपर उन्होंने कहा- ऐसा कतई नहीं है, हमारी तुलना राज ठाकरे से नहीं की जा सकती है. हमारी अपनी विचारधारा है. हम युवाओं के गलत चीजों के खिलाफ बोलने और खड़े होने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. हमारी पार्टी गोवा की इकलौती ऐसी पार्टी है, जिसने हमेशा बीजेपी से सवाल किए हैं. हम जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं और ग्राम स्तर से लेकर ब्लाक और नगर तक में लोगों से जुड़े सवाल उठा रहे हैं. 

गोवा में नहीं है लैंड प्रोटेक्शन बिल!

उन्होंने आगे कहा- हर राज्य का अपना लैंड प्रोटेक्शन बिल है. यहां कोई गोवा के लोगों की बात नहीं कर रहा. कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्य के पास अपना लैंड प्रोटेक्शन बिला है, लेकिन गोवा में नहीं है. इसीलिए यहां किसी अवैध जमीन, अवैध निर्माण किसी पर एक्शन नहीं लिया जा रहा. गोवा में अधिकतर नेताओं के लैंड माफियाओं से संबंध हैं. इसीलिए गोवा लैंड प्रोटेक्शन बिल पर कोई कुछ नहीं बोल रहा. 

वहीं, विजय सरदेसाई ने कहा- कानून ये है कि शहर और गांव में हम किसी को जमीनें खरीदने से नहीं रोक सकते. आप यहां आर्टिकल 356 नहीं मान सकते.  अरुण जेटली से लेकर पी चिदंबरम जैसे बड़े नेता इस बात को कह चुके हैं कि गोवा के लिए स्पेशल स्टेटस संभव नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा- मेरा मानना है कि प्राइवेट सैक्टर को भी गोवा के लोगों को नौकरी में प्राथमिकता देनी चाहिए. इसीलिए हम चाहते हैं कि हरियाणा की तरह गोवा में भी क्षेत्रीय लोंगो को प्राइवेट नौकरियों में 80 फीसदी आरक्षण हो. गोवा में उन्हीं लोगों को नौकरी में प्राथमिकता होनी चाहिए, जो 25 साल से यहां रह रहे हैं और उनके पास यहां का निवास प्रमाण पत्र हो.

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