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कांग्रेस का दावा- राहुल ने नहीं किया था गैर-हिंदू रजिस्टर पर साइन, जानें सच्चाई

दर्शन राहुल और कांग्रेस के लिए भारी पड़ा. एक तस्वीर सामने आई, जिसमें यह दिख रहा था कि राहुल ने गैर-हिंदू एंट्री रजिस्टर पर साइन किए थे. जिसे बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बना दिया है. लेकिन यह पूरा विवाद है क्या, अभी तक किसकी तरफ से क्या कहा गया है. यहां समझें... 

राहुल के सोमनाथ दौरे पर विवाद राहुल के सोमनाथ दौरे पर विवाद
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:34 PM IST

गुजरात चुनाव में अभी तक का सबसे बड़ा मुद्दा यह था कि पाटीदार समुदाय किसका साथ देगा. लेकिन बुधवार को कुछ ऐसा हुआ कि चुनाव के केंद्र में मंदिर आ गया है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को सोमनाथ मंदिर में दर्शन किए. लेकिन ये दर्शन राहुल और कांग्रेस के लिए भारी पड़ा. एक तस्वीर सामने आई, जिसमें यह दिख रहा था कि राहुल ने गैर-हिंदू एंट्री रजिस्टर पर साइन किए थे. जिसे बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बना दिया है. लेकिन यह पूरा विवाद है क्या, अभी तक किसकी तरफ से क्या कहा गया है. यहां समझें...  

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आखिर मंदिर में क्या हुआ था?

आपको बता दें कि राहुल गांधी दो दिवसीय दौरे के लिए बुधवार को गुजरात पहुंचे. उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर में माथा टेककर की. मंदिर में कुछ ऐसा हुआ कि सोमनाथ मंदिर पहुंचने पर जब मंदिर की ओर से कहा गया कि जो लोग गैर-हिंदू हैं, वे एक अलग रजिस्टर में साइन कर दें, तो कांग्रेस की ओर से वहां मौजूद मीडिया को-ऑर्डिनेटर ने अहमद पटेल और राहुल गांधी का नाम बता दिया. इसके बाद दोनों नेताओं को उस रजिस्टर में साइन करने के लिए कहा गया.

मीडिया को-ऑर्डिनेटर की भूल?

जो सिग्नेचर की तस्वीर वायरल हो रही है उसमें गौर करने वाली बात यह है कि वहां राहुल के नाम लिखा है 'राहुल गांधी जी'. साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि नाम के आगे जी लगा है तो राहुल ने खुद तो साइन नहीं किए हैं. कहा जा रहा है कि मीडिया को-ऑर्डिनेटर मनोज त्यागी ने रजिस्टर पर दोनों नेताओं का नाम लिखवा दिया था. सवाल है कि क्या सारा विवाद मनोज की भूल के कारण ही खड़ा हुआ है.

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विवाद पर क्या बोले मनोज त्यागी ?

राहुल के रजिस्टर में इस साइन का विवाद जब बड़ा तो मनोज त्यागी ने भी बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि जब मैं मंदिर में घुसा तो अपना रजिस्टर में लिखा, उस दौरान ना तो वहां पर राहुल गांधी का नाम लिखा था और ना ही अहमद पटेल का. किसी ने हमारे जाने के बाद नाम जोड़ा था.

विवाद पर सोमनाथ मंदिर का क्या है बयान?

सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर ध्रुव जोशी ने भी इस विवाद पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और अहमद पटेल का नाम मनोज त्यागी ने ही लिखा था. सुरक्षा के कारण नियमों के अनुसार गैर-हिंदू लोग अगर मंदिर में आते हैं तो उन्हें साइन करना होता है. ध्रुव ने बताया कि मनोज त्यागी ने राहुल और अहमद पटेल का नाम गैर-हिंदू रजिस्टर में ही लिखा.

कांग्रेस बोली- शिवभक्त हैं राहुल

बीजेपी ने जैसे ही इस मुद्दे को भुनाया तो कांग्रेस ने भी पलटवार किया. कांग्रेस नेता दीपक हुड्डा ने मीडिया से कहा कि बीजेपी राहुल के गुजरात में शानदार कैंपेन से घबरा गई है, इसलिए इस प्रकार के मुद्दे उछाल रही है. राहुल गांधी एक शिवभक्त हैं, और सच में विश्वास रखते हैं.

राहुल खुद को बता चुके हैं शिवभक्त

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कांग्रेस नेताओं के अलावा राहुल गांधी खुद भी अपने आप को शिवभक्त बता चुके हैं. 13 नवंबर को गुजरात के पाटन में कहा था कि मैं शिवभक्त हूं, और हमेशा सच्चाई में विश्वास रखता हूं. बीजेपी जो भी बोले मैं सच्चाई में ही विश्वास करता हूं.

सिर्फ हिंदू नहीं, जनेऊधारी हिंदू हैं राहुल

विवाद के बाद ही कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि बीजेपी राजनीति के स्तर को गिरा रही है. कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल सिर्फ हिंदू ही नहीं जनेऊधारी हिंदू हैं. बीजेपी के किसी के हाथ में कुछ नहीं है. सबकुछ मोदी और शाह के हाथ में हैं.

बीजेपी ने कैसे उठाया मुद्दा

जैसे ही राहुल गांधी के गैर-हिंदू रजिस्टर में साइन करने की खबर आई, बीजेपी पूरी तरह से हमलावर हो गई. बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया, राहुल ने खुद के गैर-हिंदू घोषित कर दिया. अगर ये सच है तो वह बार-बार वह मंदिर क्यों जा रहे हैं.

गौरतलब है कि चुनाव की तारीखें नजदीक हैं और जिसतरह दोनों पार्टियों का रुख दिख रहा है. उससे लगता है कि ये मुद्दा अभी और भी जोर पकड़ेगा और चुनाव प्रचार में गूंजता सुनाई देगा. आपको बता दें कि गुजरात में दो चरणों में चुनाव होगा, पहला चरण 9 दिसंबर और दूसरा चरण 14 दिसंबर. चुनाव के नतीजे हिमाचल प्रदेश के नतीजों के साथ ही 18 दिसंबर को ही आएंगे.

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