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गुजरात में एंटी इंकमबेंसी से निपटने के लिए BJP की 'नो रिपीट थ्योरी', विधायकों को टिकट कटने का डर

बीजेपी ने गुजरात में छठी बार सत्ता के सिंहासन पर बादशाहियत कायम रखने के लिए 'नो रिपीट थ्योरी प्लान' बनाया है. बीजेपी इस प्लान के तहत गुजरात में अपने मौजूदा विधायकों में से बड़ी तादात में विधायकों की बली लेगी. इससे बीजेपी के मौजूदा विधायकों में टिकट कटने का खौफ सताने लगा है. 

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 01 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:09 AM IST

गुजरात विधानसभा चुनाव की सियासी रण को फतह करने के लिए बीजेपी ने कमर कस लिया है. बीजेपी ने गुजरात में छठी बार अपनी बादशाहत कायम रखने के लिए 'नो रिपीट थ्योरी' तैयार किया है. बीजेपी इस प्लान के तहत गुजरात में अपने मौजूदा विधायकों में से बड़ी तादाद में विधायकों का टिकट काट सकती है. इससे बीजेपी के मौजूदा विधायकों में टिकट कटने का खौफ सताने लगा है.  

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सत्ता विरोधी रुझान से बचने के लिए MLA की बली

बीजेपी गुजरात में पिछले दो दशक से सत्ता पर काबिज है. ऐसे में बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी रुझान होना स्वाभाविक है. बीजेपी ने एंटी इनकमबेंसी के पार पाने के लिए पुराने विधायकों की जगह नए चेहरे के साथ गुजरात के सियासी रण में उतरने का मन बनाया है. माना जा रहा है कि बीजेपी के ऐसे करीब तीन दर्जन विधायक हैं, जिनके टिकट काटे जा सकते हैं.

सूत्रों की मानें तो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश संसदीय बोर्ड की बैठक में शामिल होकर उम्मीदवारों की फेहरिश्त को अंतिम स्वरूप दिया. इसके अलावा तीन दर्जन ऐसे विधायक हैं, जिनके नाम कटने पर सहमति बनी है. बीजेपी खासतौर पर पाटीदार बाहुल्य सीटों पर विधायकों के कमजोर प्रदर्शन करने की वजह से अब इसी बिरादरी के कद्दावर नेताओं पर दांव लगाने की योजना बनाई है.

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मोदी का पुराना मंत्र

गुजरात में बीजेपी पहली बार मौजूदा विधायकों के टिकट नहीं काटने जा रही है. इससे पहले भी पुराने चेहरों की जगह नए उम्मीदवार उतारती रही है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में मुख्यमंत्री रहते तीनों विधानसभा चुनावों के दौरान 'नो रिपीट थ्योरी' अपनाई थी. काम नहीं करने वाले तथा भ्रष्टाचार व अपराधों के आरोपों में घिरे विधायकों को दूसरी बार टिकट नहीं दिया जाता था. पार्टी इस बार भी इसी सिद्धांत पर काम कर रही है.

MCD के चुनाव में इस फार्मूले से फतह मिली

बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2014 में गुजरात में इस फार्मूले को अजमाया गया था. दिल्ली के नगर निगम चुनाव में इसी फार्मूले के जरिए फतह किया था. दिल्ली नगर निगम चुनाव में बीजेपी ने सभी पार्षदों का टिकट काटकर उनकी जगह नए चेहरे को उतारकर MCD की असंभव जीत को संभव में बदला था.

गुजरात में बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में 182 सीटों में से 115 सीट पर जीत दर्ज की थी. केशुभाई पटेल की पार्टी से जीतने वाले दो विधायक भी बीजेपी के संग हो गए. इसके बाद हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान करीब एक दर्जन विधायकों ने कांग्रेस से बगवात करके बीजेपी का दामन थाम लिया था. इस तरह बीजेपी का खेमा काफी बड़ा हो गया है. ये सभी विधायक बीजेपी के टिकट पर अपनी किस्मत अजमाना चाहते है. पर नो रिपीट थ्योरी के तहत इन सभी दूसरे दल से आए विधायकों को टिकट मिले ये अभी कहा नहीं जा सकता है.

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