
गुजरात में दलित आंदोलन से निकले जिग्नेश मेवाणी सुर्खियों में हैं. गुजरात के बनासकांठा की वडगाम विधानसभा सीट से जिग्नेश चुनावी मैदान में हैं. कांग्रेस सहित कई पार्टियों का उन्हें समर्थन हासिल है. 5 दिसंबर को जिग्नेश पर हमला हुआ. उनके काफिले की कार के शीशे तोड़े गए. उनके या उनके समर्थकों पर यह तीसरा हमला था. इसके बाद जिग्नेश ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाए. यहां तक कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए ट्वीट तक कर दिया. अपने ऊपर हो रहे सियासी हमले का क्या जिग्नेश लाभ ले पाएंगे?
'जिग्नेश पर हमला बीजेपी को महंगा पड़ेगा'
गुजरात में सामाजिक कार्यकर्ता बीना ने कहा कि गुजरात दलित उत्पीड़ने के मामले में देश में नंबर 2 पर है. जिग्नेश का राजनीति में आना बहुत लोगों को खल रहा है. उन्होंने कहा कि वो सिर्फ चुनाव ही नहीं लड़ रहा है, बल्कि बोल भी रहा है. इससे बीजेपी परेशान है.
हमले से जिग्नेश और भी होगा मजबूत
बीना ने कहा कि गुजरात के ग्रामीण इलाकों में बीजेपी की हालत बहुत ही खराब है. बीजेपी के हाथों से गुजरात की सत्ता खिसक रही है. इसीलिए बीजेपी के नेता और कार्यकर्ताओं हिंसक रवैया अपना रहे हैं. इससे बीजेपी को फायदा नहीं बल्कि नुकसान होगा. जिग्नेश मेवाणी पर किए गए हमले वो और मजबूत होगा.
बीजेपी के खिलाफ दलित एकजुट होगा:जय प्रकाश
गुजरात केंद्रीय विश्विद्यालय के प्रोफेसर जय प्रकाश प्रधान ने कहा कि जिग्नेश पर हुए हमला की खबर वकाई सच है तो इसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ेगा. गुजरात की राजनीति में इस तरह की हरकतें कभी नहीं हुई हैं, ऐसे में इसका असर बीजेपी के लिए नकारात्मक होगा.
जय प्रकाश प्रधान ने कहा कि इस घटना का असर जिग्नेश की सीट तक ही नहीं, बल्कि बाकी और भी सीटों पर भी पड़ेगा. जहां दलित समुदाय की अच्छी खासी भागेदारी है. इसके अलावा इस घटना के बाद जो दलित वोट बीएसपी के उम्मीदवार को खाते में जाने वाला था. वो अब जिग्नेश के समर्थन वाली पार्टी के पक्ष में एकजुट होगा.
गुजरात में दलित सियासी समीकरण
बता दें कि गुजरात में 7 फीसदी दलित समुदाय के मतदाता है. राज्य की 182 सीटों में से 13 सीटें दलितों के लिए सुरक्षित है. पिछले विधानसभा चुनाव में इन 13 सीटों में 10 सीटें बीजेपी के खाते में गई थी और 3 कांग्रेस के. इस बार कांग्रेस जिग्नेश के सहारे दलितों मतों में सेंधमारी करने की जुगत में है.