
गुजरात में पहले चरण के लिए 19 जिलों की 89 सीटों के लिए वोटिंग होनी है. बीजेपी भले ही चुनाव में हाईटेक प्रचार पर जोर दे रही है, लेकिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अपनी चुनावी रणनीति की सबसे मज़बूत कड़ी पन्ना प्रमुख पर ही चुनाव जीतने के लिए सबसे ज़्यादा भरोसा कर रहे हैं.
दरअसल बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की चुनावी रणनीति में सबसे ज़्यादा अहमियत पन्ना प्रमुखों को दी जाती है. पीएम मोदी ने 2007 के विधानसभा चुनाव में पन्ना प्रमुख को बनाने की शुरुआत की थी. असल में एक फेज में आने वाले लगभग 60 वोटर का इंजार्ज पन्ना प्रमुख का बनाया जाता है. पन्ना प्रमुख की ज़िम्मेदारी अपने हिस्से आए फेज के वोटर को मतदान केंद्र तक लाने के साथ मतदान कराने की होती है.
2007 के बाद से अभी तक जितने भी बीजेपी ने चुनाव लड़े हैं, उनमें जीत में पन्ना प्रमुखों का सबसे बड़ा योगदान रहा हैं. गुजरात की 182 सीटों के लिए राज्य में कुल 50,128 बूथ हैं. एक बूथ के लिए औसतन 18 पन्ना प्रमुख हैं. एक पन्ना प्रमुख पर कम से कम 60 वोटर की जिम्मेदारी है. पूरे गुजरात में 10 लाख से ज़्यादा पन्ना प्रमुख हैं.
इस बार का गुजरात का चुनाव पीएम मोदी और अमित शाह के लिए नाक का सवाल बन गया हैं. क्योंकि गुजरात विकास का मॉडल मोदी के दिल्ली जाने का रास्ता बना था. इसलिए ये चुनाव जीतना पीएम मोदी और अमित शाह के लिए बहुत जरूरी है.
लेकिन ये बात किसी को नहीं भूलनी चाहिए कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी अमित शाह ने 80000 हज़ार पन्ना प्रमुख तैनात किया थे. लेकिन चुनाव नतीजों पर इसका कोई असर नहीं हुआ और दिल्ली में बीजेपी हार गई.