
कांग्रेस से बगावत करके और अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने वाले शंकर सिंह वाघेला ने राहुल गांधी की तारीफ की. आजतक के साथ खास बातचीत में कद्दावार ओबीसी नेता शंकर सिंह वाघेला ने कहा, ''राहुल गांधी बेहद अच्छे इंसान हैं. मैं उनको अध्यक्ष बनने की बधाई देना चाहता हूं. वो बहुत ही अच्छे दिल के इंसान हैं. उनके अंदर बहुत ह्यूमन टच है. मुझे लगता है कि वो कांग्रेस पार्टी को नई दिशा देंगे. पार्टी में ज्यादा ऊर्जा और शक्ति भरेंगे, लेकिन उनको अच्छे एडवाइजर्स सेलेक्ट करना चाहिए.''
वाघेला ने कहा कि राहुल गांधी का कांग्रेस का अध्यक्ष बनना बहुत अच्छी बात है. उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस में दो पावर सेंटर थे. अब पावर सेंटर एक हो गया है. वाघेला ने कहा कि अगर राहुल गांधी अच्छे सलाहकार रखते हैं, तो कांग्रेस भी आने वाले वक्त में अच्छा काम कर सकती है. वाघेला गांधीनगर के वासनिया गांव स्थित मतदान केंद्र में वोट डालने पहुंचे थे.
दरअसल, राज्यसभा के चुनाव के दौरान शंकर सिंह वाघेला ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी. राहुल गांधी के गुजरात चुनाव प्रचार की कमान संभालने पर वाघेला ने कहा, "कांग्रेस को छोड़ने का निर्णय मेरा खुद का था. हमने कांग्रेस को कहा था कि प्रत्याशी को एक साल पहले ही बता देना चाहिए था कि तुम चुनाव लड़ने जा रहे हो, ताकि वो होमवर्क कर सके.'' उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी चुनाव के एक घंटे पहले भी प्रत्याशी को यह नहीं बताती कि वो चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
इस दौरान वाघेला ने नवसर्जन यात्रा निकालने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस की तारीफ की. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और पीएम मोदी दोनों ही देरी से आए. उन्होंने कहा कि गुजरात चुनाव में बेहद निंदनीय भाषा का उपयोग किया गया और महत्वपूर्ण मुद्दों को नहीं उठाया गया. दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर ठग और महाठग होने का आरोप लगा रही हैं. अब जनता को ठग और महाठग में से किसी एक को चुनना है.
पूर्व कांग्रेस नेता वाघेला ने कहा कि गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान दोनों ही पार्टियों की ओर से अजीबोगरीब मुद्दे उठाए गए और एक महीने तक पूरा हंगामा चलता रहा. दोनों पार्टियों ने वोटर को सोने तक नहीं दिया. यह तो चोर और महाचोर के बीच चुनने वाली बात है. दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे को चोर और महाचोर बताने की कोशिश कर रही हैं. साथ ही खुद को सबसे बड़ा हिंदू साबित करने के लिए कैंपेन किया गया, लेकिन गुजरात की जनता को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले मुद्दों को नहीं उठाया गया. इतना ही नहीं, शराबबंदी वाले राज्य गुजरात में करोड़ों रुपये की कीमत की शराब पकड़ी जाती है, वो भी चुनाव के दौरान.