
गुजरात में विधानसभा चुनाव को लेकर जारी गहमागहमी के बीच मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने सनसनीखेज आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) की ओर गिरफ्तार आईएस आतंकी कांग्रेस नेता अहमद पटेल के संरक्षण वाले अस्पताल में नौकरी करते थे. मामले को लेकर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अहमद पटेल से इस्तीफा मांगा है. हाल ही में गुजरात एटीएस ने आईएस के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था.
ये आतंकी अहमदाबाद में बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे. सीएम रुपाणी ने कहा कि खूंखार आतंकी मोहम्मद कासिम जिस भरुच अस्पताल में नौकरी करता था, उसके कर्ता-धर्ता अहमद पटेल ही हैं. हालांकि कांग्रेस ने सफाई दी है कि अहमद पटेल ने यहां से साल 2014 में इस्तीफा दे दिया है. इतना ही नहीं, साल 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को बुलाकर अस्तपाल का उद्घाटन करवाया था. मुख्यमंत्री रुपाणी ने मामले को लेकर कांग्रेस नेता अहमद पटेल से सफाई मांगी है.
वहीं, कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने मामले में सफाई देते हुए कहा कि मेरे ऊपर बीजेपी की ओर से लगाए जा रहे सारे आरोप निराधार हैं. मेरी पार्टी और मैं आतंकियों की गिरफ्तारी के लिए गुजरात एटीएस की तारीफ करता हूं. साथ ही आतंकियों के खिलाफ कड़ी और जल्द कार्रवाई करने की मांग करता हूं.
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की आड़ में शांति प्रिय गुजरातियों में फूट न डाली जाए. कांग्रेस नेता ने कहा कि हम अपील करते हैं कि चुनावी फायदे के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे का राजनीतिकरण न किया जाए. वहीं, अस्पताल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आतंकी मोहम्मद कासिम को नियमानुसार परीक्षा के बाद अस्पताल में नौकरी मिली थी. वह चार अक्टूबर को ही अस्पताल से इस्तीफा दे दिया था, जिसे अस्पताल ने मंजूर भी कर लिया है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सफाई देते हुए कहा कि चुनाव से पहले हताश भारतीय जनता पार्टी (BJP) अब ओछी राजनीति पर उतर आई है. अहमद पटेल ने अस्पताल से साल 2014 में इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद वह किसी भी तरह अस्पताल से नहीं जुड़ रहे है. ऐसे में अगर कोई शख्स किसी आरोप में अब पकड़ा जाता है, तो साल 2014 के अस्पताल के ट्रस्टी को जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है.