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गुजरात विधानसभा चुनाव की कवरेज में राहुल कंवल ने जो देखा...

अगर बीजेपी को हराने की कांग्रेस चाहत रखती है तो उसे हर चुनाव जीने-मरने का सवाल मान कर ही लड़ना होगा. यही वो रास्ता है जो मोदी और शाह चुनाव लड़ने के लिए जानते हैं.

गुरुवार को दूसरे और अंतिम चरण की वोटिंग गुरुवार को दूसरे और अंतिम चरण की वोटिंग
अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 10:42 PM IST

हाई वोल्टेज एक्शन के बाद गुजरात गुरुवार को दूसरे और आखिरी चरण के मतदान के लिए जैसे तैयार है, वैसे इस चुनावी रणक्षेत्र को कवर करने के लिए किए गए राज्य के मेरे चार दौरों के आधार पर जानीं बड़ी बातों को मैंने एक जगह एकत्र किया है. ये निष्कर्ष राज्य के आम और खास आदमी से घंटों हुई बातचीत का नतीजा हैं.

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1- बीजेपी के लिए बीते दो दशक की सबसे कठिन लड़ाई

कैमरे पर बीजेपी नेता अति आश्वस्त दिखते हैं. लेकिन कैमरा हटते ही ये नेता स्वीकार करते हैं कि यह बहुत मुश्किल चुनाव रहा है. बीजेपी के एक दिग्गज नेता ने कबूल किया कि पार्टी को बीते दो दशकों में गुजरात में किसी भी चुनाव में इतना पसीना नहीं बहाना पड़ा जितना कि इस बार. कांग्रेस, जिसका अतीत के चुनावों में मध्य में ही चूक जाने का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, इस बार ये ग्रैंड ओल्ड पार्टी टीम की तरह एकजुट होकर सामने आई. बीजेपी ने जैसे सोचा था, कांग्रेस ने उसकी तुलना में कहीं मजबूत तरीके से चुनावी रण में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई.

बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने खुलासा किया कि जुलाई में जीएसटी आने के बाद राज्य में उलट प्रतिक्रिया इतनी जबरदस्त थी कि पार्टी के खुद के कार्यकर्ताओं ने ही महसूस करना शुरू कर दिया था कि बीजेपी शायद चुनाव हार भी सकती है. लेकिन अब गांधीनगर में बीजेपी के दफ्तर ‘श्रीकमलम’ में उत्साह का माहौल है. साथ ही पार्टी को भरोसा है कि उसने नुकसान की भरपाई कर ली है और 18 दिसंबर को फिनिशिंग लाइन पार कर लेगी. ये देखना दिलचस्प है कि बीजेपी के नेता भी अब 150 से ज्यादा सीटें हासिल करने की बात नहीं कर रहे हैं.

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इसके अलावा गुजरात चुनाव को लेकर राहुल कंवल ने 8 और पहलुओं पर अपने विचार रखे हैं, पढ़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें.

गुजरात विधानसभा चुनाव: चुनावी कैम्पेन की 9 बड़ी बातें, जो मैंने जानीं

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