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गुजरात चुनाव: AAP ने गोपाल इटालिया को सूरत की सीट से क्यों बनाया उम्मीदवार? ये है वजह

गुजरात चुनाव में सत्ता तक पहुंचने के लिए पूरा जोर लगा रही आम आदमी पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया को सूरत की कतारगाम सीट से चुनाव मैदान में उतारा है. आम आदमी पार्टी ने इस फैसले के जरिए सूरत के साथ ही गुजरात के पाटीदार मतदाताओं और प्रतिद्वंदी दलों को एक सियासी संदेश देने की कोशिश की है.

गोपाल इटालिया (फाइल फोटो) गोपाल इटालिया (फाइल फोटो)
संजय सिंह राठौर
  • सूरत,
  • 10 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:44 AM IST

गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बीच होती आए चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए आम आदमी पार्टी ने भी पूरी ताकत झोंक दी है. चुनाव प्रचार से लेकर बड़े नेताओं के लगातार गुजरात में कैंप करने तक, लोकलुभावन घोषणाओं से लेकर जनता से भावनात्मक जुड़ाव की कोशिश तक, आम आदमी पार्टी चुनावी बाजी जीतने के लिए दांव पर दांव चल रही है. आम आदमी पार्टी ने अब प्रदेश संयोजक गोपाल इटालिया को सूरत की कतारगाम विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया है.

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आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर गोपाल इटालिया को सूरत की कतारगाम सीट से उतारने का ऐलान किया और इसके बाद ही एक तरह से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की राजनीतिक दिशा भी तय हो गई. आम आदमी पार्टी ने प्रदेश संगठन के दो कद्दावरों को सूरत से चुनावी उखाड़ने में उतारने का ऐलान किया है. गोपाल इटालिया के साथ ही महामंत्री मनोज सोरठिया भी सूरत की करंज सीट से चुनाव मैदान में होंगे.

अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा कि राजनीति में युवाओं की भागीदारी जरूरी है. गुजरात में हमारे प्रदेश अध्यक्ष लोकप्रिय युवा गोपाल इटालिया को सूरत की कतारगाम विधानसभा और प्रदेश महामंत्री मनोज सोरठिया को करंज विधानसभा सीट से जनता चुनाव लड़ाएगी. आम आदमी पार्टी ने वराछा और ओलपाड विधानासभा सीट से पाटीदार आंदोलन के बड़े चेहरे रहे अल्पेश कथेरिया और धार्मिक मालवीय को चुनाव मैदान में उतारने का ऐलान किया था. अब गोपाल इटालिया को कतारगाम और मनोज सोरठिया को करंज सीट से उम्मीदवार बनाकर अपनी रणनीति साफ कर दी है.

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सूरत में आम आदमी पार्टी ने अपने चार बड़े चेहरों को मैदान में उतार गुजरात की राजनीति को गरमा दिया है. सूरत में विधानासभा चुनाव पाटीदारो के इर्द-गिर्द नजर आएगा. 2017 के चुनावों में सूरत पाटीदार आंदोलन के चलते सुर्खियों में रहा था. ऐसा माना जा रहा था कि पाटीदार आंदोलन के चलते सूरत सहित गुजरात में बीजेपी को बड़ा नुकसान होगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. बीजेपी ने पाटीदार मतदाताओं के आक्रोश को काफी हद तक न सिर्फ रोकने में सफल हुई बल्कि उनके वोट को भी अपने पक्ष में करने में सफल रही थी.

नतीजा ये हुआ कि सूरत शहर की सभी 12 विधानासभा सीट पर बीजेपी को जीत मिली थी. आम आदमी पार्टी ये अच्छे से समझ रही है कि उसे अगर बीजेपी को सत्ता से उतारने, सूबे में पार्टी की सरकार बनानी है तो इसका रास्ता सूरत से होकर ही जा सकता है. सूरत से जो संदेश निकलता है वह पूरे प्रदेश के पाटीदारों को प्रभावित करता है. दूसरा पहलू ये है कि सूरत महानगर पालिका के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दमदार प्रदर्शन किया था. आम आदमी पार्टी सूरत महानगर पालिका में विपक्ष की भूमिका में है.

आम आदमी पार्टी ने फरवरी, 2021 में हुए सूरत महानगर पालिका के चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ करते हुए 27 सीटें जीती थीं. पार्टी सूरत महानगर पालिका में विपक्ष की भूमिका में आ गई. अब पार्टी विधानसभा चुनाव में दिल्ली मॉडल के साथ ही अपने स्थानीय पार्षदों की ओर से किए गए कामकाज को भी भुनाने की कोशिश में है. आम आदमी पार्टी गुजरात के पाटीदारों को अपने पाले में करने की कोशिश में है और इसी कोशिश के तहत पार्टी ने पाटीदार बाहुल्य सीटों पर बड़े प्रत्याशी उतारे हैं.

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सूरत में क्या है आम आदमी पार्टी की रणनीति

सूरत शहर की 12 में से सात सीटों पर पाटीदार मतदाता निर्णयक भूमिका निभाते हैं. इनमें कामरेज, वराछा, कतारगाम और ओलपाड विधानसभा क्षेत्र में पाटीदारों की बहुलता है. करंज, सूरत उत्तर और उधना विधानसभा क्षेत्र में पाटीदार मतदाता गेमचेंजर कहे जाते हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी ने रणनीति के तहत प्रदेश प्रमुख गोपाल इटालिया को सूरत की कतारगाम विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है.

आम आदमी पार्टी ने करंज सीट से महामंत्री मनोज सोराठिया को उतारा है. कतारगाम और करंज सीट विधानासभा वराछा और ओलपाड से सटे क्षेत्र हैं. प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया के साथ पाटीदार आंदोलन का प्रमुख चहरा रहे अल्पेश कथेरिया और धार्मिक मालवीय चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि इन सीटों का संदेश पूरे प्रदेश के चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकता है.

पाटीदार समुदाय से आते हैं गोपाल इटालिया

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया गुजरात के प्रभावशाली पाटीदार समुदाय से आते हैं. गोपाल इटालिया ने 2015 में  पाटीदार आरक्षण की मांग को लेकर हुए आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. इससे पहले वे सरकारी सेवा में लिपिक थे और 2017 में गुजरात के गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा पर जूता फेंक चर्चा में आए थे. इस घटना के बाद उनकी नौकरी चली गई थी.

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गोपाल इटालिया गुजरात पुलिस में कांस्टेबल भी रहे थे. गोपाल इटालिया बाद में आम आदमी पार्टी से जुड़ गए थे और वे फिलहाल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. आम आदमी पार्टी की ओर से गोपाल इटालिया को मुख्यमंत्री पद की रेस में भी शामिल माना जा रहा था लेकिन पार्टी ने पत्रकारिता से सियासत में आए इशुदान गढ़वी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया.

 

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