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गुजरात चुनाव की तारीखों का 1 या 2 नवंबर को हो सकता है ऐलान, 31 अक्टूबर को PM करेंगे योजना का लोकार्पण

गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी तैयारी में जोर-शोर से जुटी हुई हैं. उन्होंने करीब-करीब हर सीट पर अपने उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं. अब सभी की नजर चुनाव की तारीखों पर टिकी हुई है. सूत्रों के मुताबिक आयोग अगले हफ्ते चुनाव की तारीखें घोषित कर सकता है.

31अक्टूबर को पीएम मोदी बनासकांठा में कर सकते हैं पानी योजना का लोकार्पण (फाइल फोटे) 31अक्टूबर को पीएम मोदी बनासकांठा में कर सकते हैं पानी योजना का लोकार्पण (फाइल फोटे)
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 25 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 7:46 PM IST

गुजरात विधानसभा के चुनाव को लेकर अब हर राजनीतिक दल इंतजार कर रहा है कि कब तक आयोग चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा. गुजरात सरकार के सूत्रों की मानें तो 1 या 2 नवंबर को चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. तारीखों का ऐलान होते ही गुजरात में आचार संहिता लागू हो जाएगी. इससे पहले गुजरात और केंद्र सरकार नई परियोजना की घोषणा और लोकार्पण कर सकते हैं.

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सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को गुजरात आ रहे हैं. इस दिन पीएम सरदार पटेल की जयंती के दिन राष्ट्रीय एकता दिवस पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर होने वाले सभी राज्यों की एकता पुलिस परेड में हिस्सा लेंगे. साथ ही जांबुघोडा में आदिवासियों को संबोधित करेंगे. इसके अलावा बनासकांठा में पानी विभाग के कार्यक्रम में उत्तर गुजरात को मिलने वाली पानी योजना का लोकार्पण भी करेंगे. ऐसे में राजनीति के जानकार यही मान रहे हैं कि पीएम मोदी के इस कार्यक्रम के बाद यानी 1 या 2 नवंबर को गुजरात में चुनावी तारीखों का ऐलान हो सकता है.

आयोग ने सरकार को लगाई है फटकार

पिछले दिनों खबर आई थी कि चुनाव आयोग दिवाली के बाद शेड्यूल जारी करेगा, क्योंकि अब तक गुजरात सरकार की तरफ से चुनाव से जुड़े रहने वाले प्रशासनिक अधिकारियों  DM, SP, SSP के तबादले का काम ही पूरा नहीं किया गया है. इस संबंध में आयोग ने गुजरात सरकार को फटकार भी लगाई है. निर्वाचन आयोग ने इसे लापरवाही माना और सख्त रुख अपनाया है.

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ECI ने चुनावी तैयारियों के मद्देनजर प्रशासनिक अधिकारियों के अनिवार्य और समुचित तबादले के आदेश पर रिपोर्ट जमा ना करने पर जवाब मांगा है. आयोग ने गुजरात सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के नाम लिखे पत्र में एक अगस्त की चिट्ठी का हवाला दिया और कहा- चुनाव के मद्देनजर ड्यूटी से सीधे जुड़े प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले की शर्तों के अनुपालन की रिपोर्ट 30 सितंबर तक देनी थी. अब तक रिपोर्ट क्यों दाखिल नहीं हुई? इस संबंध में जवाब तलब किया है. 

इससे पहले आयोग ने 19 अक्टूबर को रिमाइंडर लेटर भी भेजा था. लेकिन सरकार ने कोई जवाब नहीं भेजा. आयोग ने इस लापरवाही का कारण भी बताने के लिए कहा है. आयोग ने चीफ सेक्रेटरी और राज्य के डीजीपी से अर्जेंट compliance रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है.

विपक्ष ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश के साथ ही गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान न करने पर विपक्ष ने कई सवाल खड़े किए थे. कुछ विपक्षी नेताओं ने कहा था कि गुजरात चुनावों की घोषणा बाद में मौजूदा सरकार को आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले और अधिक कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने की अनुमति दे सकती है.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "जाहिर तौर पर यह प्रधानमंत्री को कुछ बड़े वादे करने और और उद्घाटन करने के लिए और समय देने के लिए किया गया है. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है." 

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