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गुजरात में 128 AAP कैंडिडेट्स की जमानत जब्त, हिमाचल में 10 में से 8 मंत्री हारे, चुनाव नतीजों के 10 बड़े फैक्ट

कांग्रेस के लिए गुजरात का ये चुनाव किसी बुरे सपने से कम नहीं है. 2017 में बीजेपी को कड़ी टक्कर देने वाली कांग्रेस सिर्फ 17 सीटें जीत सकीं. कांग्रेस के 44 उम्मीदवारों की जमानत जब्त तक जब्त हो गई. कांग्रेस का गुजरात में ये अब तक का सबसे बुरा प्रदर्शन है. 1960 से गुजरात में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, लेकिन अब तक के चुनावी इतिहास में ऐसा नहीं हुआ कि कांग्रेस इतनी कम सीटों पर सिमट गई.

नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी औऱ अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो) नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी औऱ अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:11 AM IST

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के गुरुवार को नतीजे आ गए. जहां गुजरात में 27 साल सत्ता में बरकरार बीजेपी को जनता ने एक बार फिर मौका दिया, तो वहीं हिमाचल में करीब 35 साल पुरानी परंपरा जारी रखते हुए पार्टी को सत्ता से बेदखल कर दिया. यहां अब 68 सीटों में 40 सीटों के साथ सत्ता की चाबी कांग्रेस के हाथ में है. वहीं, आम आदमी पार्टी के लिए डेब्यू मन मुताबिक नहीं रहा. जहां गुजरात में केजरीवाल की पार्टी को 5 सीटों के साथ तीन नंबर पर रही, तो वहीं हिमाचल में पार्टी का खाता तक नहीं खुला. आईए जानते हैं चुनावी रिजल्ट के 10 बड़े फैक्ट...

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1- गुजरात में AAP के 128 उम्मीदवारों की जमानत जब्त

गुजरात में आम आदमी पार्टी न सिर्फ 5 सीटों पर चुनाव जीत सकी, बल्कि यहां पार्टी के 181 में से 128 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. यहां तक कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पर्ची में जिन तीन उम्मीदवारों के नामों को लिखकर बड़ी जीत का दावा किया, वे भी चुनाव हार गए. इनमें गुजरात में आम आदमी पार्टी के सीएम कैंडिडेट इसुदान गढ़वी भी शामिल हैं. इसके अलावा गुजरात आप प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया को भी बड़े अंतर से चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. आप नेता अल्पेश कथिरिया की जीत का दावा भी केजरीवाल ने किया था, वे भी चुनाव हार गए. 

2- कांग्रेस के 44 उम्मीदवारों की जमानत जब्त

कांग्रेस के लिए गुजरात का ये चुनाव किसी बुरे सपने से कम नहीं है. 2017 में बीजेपी को कड़ी टक्कर देने वाली कांग्रेस सिर्फ 17 सीटें जीत सकीं. कांग्रेस के 44 उम्मीदवारों की जमानत जब्त तक जब्त हो गई. कांग्रेस का गुजरात में ये अब तक का सबसे बुरा प्रदर्शन है. 1960 से गुजरात में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, लेकिन अब तक के चुनावी इतिहास में ऐसा नहीं हुआ कि कांग्रेस इतने कम सीटों पर सिमट गई. जहां बीजेपी ने 156 सीटों पर जीत हासिल कर कांग्रेस के 1985 के प्रदर्शन का रिकॉर्ड तोड़ा, तो वहीं कांग्रेस 62 साल के इतिहास में सबसे कम स्तर पर पहुंच गई. पार्टी सिर्फ 17 सीटों पर जीत हासिल कर सकी. इससे पहले 1990 में कांग्रेस का सबसे बुरा प्रदर्शन देखा गया था. तब पार्टी सिर्फ 33 सीटें जीतने में सफल हुई थी.

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3- AAP को 40 लाख वोट मिला

आम आदमी पार्टी ने भले ही दावों के मुताबिक गुजरात में प्रदर्शन नहीं किया है. लेकिन डेब्यू चुनाव में आप का प्रदर्शन संतोषजनक रहा. आप को इस चुनाव में करीब 13% वोट मिले. गोपाल इटालिया का कहना है कि आम आदमी पार्टी ने कई सीटों पर सीधे बीजेपी को चुनौती दी. उन्होंने दावा किया कि आप को करीब राज्यभर में 40 लाख वोट मिला है. 

4- बीजेपी के 7 मौजूदा विधायक हारे चुनाव

बीजेपी ने गुजरात के इतिहास में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए 156 सीटों पर जीत हासिल की. गुजरात में इससे पहले किसी भी पार्टी की इतनी प्रचंड लहर देखने को नहीं मिली. लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि इस लहर के बावजूद बीजेपी के 1 मौजूदा मंत्री समेत 7 विधायक ऐसे हैं, जो इस बार चुनाव नहीं जीत सके. बीजेपी ने इस बार चुनाव में अपने करीब 40 विधायकों के टिकट काटे थे. गुजरात सरकार में शिक्षा मंत्री कीर्ति सिंह वाघेला इस बार बनासकांठा की कांकरेज सीट से चुनाव लड़े थे. उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके अलावा पाटन की चानस्मा सीट से मौजूदा विधायक दिलीप ठाकोर को हार का सामना करना पड़ा. इसके अलावा बाबू बोखिरिया ( पोरबंदर सीट), विजापुर से विधायक रमन पटेल, खंभात के मौजूदा विधायक महेश रावल, गरियाधर सीट से छह बार के विधायक केशु नाकरानी को हार का सामना करना पड़ा. 

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5- गुजरात के सौराष्ट्र में कांग्रेस को बड़ा नुकसान

बीजेपी ने गुजरात के सौराष्ट्र की 48 सीटों में से 40 पर जीत हासिल की. यह इलाका कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है. कांग्रेस ने यहां 2017 में 28 सीटों पर जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार कांग्रेस को इस इलाके से बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस इस बार सिर्फ 3 सीटें जीत पाई. आम आदमी पार्टी ने इस इलाके में बड़ी सेंध लगाई. पार्टी 4 सीटें जीतने में सफल रही. एक कुतियाना सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई. 
 
6- हिमाचल में 10 में 8 मंत्री हारे चुनाव 

हिमाचल में बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा. यहां कांग्रेस ने 40, जबकि बीजेपी ने 25 सीट पर चुनाव जीता. हिमाचल में इस बार मौजूदा मंत्रियों को लेकर खासा नाराजगी देखने को मिली. यही वजह रही कि राज्य सरकार के 10 मंत्रियों में से 8 को हार का सामना करना पड़ा. हिमाचल सरकार में मंत्री सुरेश भारद्वाज, रामलाल मारकंडा, वीरेंद्र कंवर, गोविंद सिंह ठाकुर, राकेश पठानिया, डॉ. राजीव सैजल, सरवीण चौधरी, राजेंद्र गर्ग अपनी अपनी सीटों से चुनाव हार गए. वहीं, सिर्फ बिक्रम ठाकुर और सुखराम चौधरी ही ऐसे दो मंत्री थे, जो चुनाव जीत पाए. 

7- हिमाचल: 15 सीटों पर जीत का अंतर 2000 से कम

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हिमाचल में 15 सीटें ऐसी हैं, जहां जीत हार का अंतर 2000 वोटों से कम रहा. भोरंज, सुजानपुर, डारंग, बिलासपुर, श्री नैना देवी, रामपुर, शिल्लाई, श्री रेणुकाजी में जीत हार का अंतर 1000 वोटों से कम रहा. वहीं, भट्टीयात, ऊना, जसवान प्रागपुर, लाहौल स्पीती, बल्ह, सरकाघाट में जीत का अंतर 1000-2000 वोटों के बीच रहा. राज्य में सबसे बड़ी जीत जयराम ठाकुर की रही. उन्होंने मंडी जिले की सिराज सीट से 38183 वोटों से जीत हासिल की. वहीं, बीजेपी के पवन काजल कांगड़ा से 19834 वोटों से जीते. हिमाचल की भोरंज सीट पर सबसे छोटी जीत रही. यहां कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश कुमार सिर्फ 60 वोटों से चुनाव जीते. श्रीनैना देवी सीट से बीजेपी के रंधीर शर्मा 171 वोट से जीते. बिलासपुर सीट से त्रिलोक जामवाल 276 वोट से जीते. 

8- गुजरात में आदिवासी बेल्ट में आप ने बिगाड़ा कांग्रेस का खेल

गुजरात में 27 आदिवासी बाहुल्य सीटों में से बीजेपी ने 23 पर जीत हासिल की. हालांकि, इन सीटों पर आम आदमी पार्टी कांग्रेस का खेल बिगाड़ती हुई नजर आई. आप ने भले ही इन 27 सीटों  में से 1 पर जीत हासिल की. लेकिन वह 9 सीटों पर मुख्य विपक्षी रही. वहीं, 2017 में आदिवासी बेल्ट की 14 सीटें जीतने वाली कांग्रेस को सिर्फ 3 सीटों पर जीत मिली. माना जा रहा है कि आप ने आदिवासी बाहुल्य सीटों पर कांग्रेस का जमकर वोट काटा. यहां कांग्रेस और आप में वोट बंटने का फायदा बीजेपी को मिला. 

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9- हिमाचल में बीजेपी को कांग्रेस से सिर्फ 0.90% वोट कम मिला

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को 43.90% वोट मिला. जबकि बीजेपी को 43%  वोट मिला. जहां कांग्रेस ने 40 सीटें हासिल कर हिमाचल में 1985 से चली आ रही सरकार बदलने की परंपरा को जारी रखा है. वहीं, बीजेपी 43% वोट हासिल करके 25 सीटें जीत सकी. इसके अलावा तीन सीटें निर्दलियों के खाते में भी गईं. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी, सीपीआई (एम) का खाता भी नहीं खुला. आप को इस चुनाव में 1.10% , सीपीआईएम को 0.66% वोट मिला. जबकि निर्दिलियों और अन्य को 10.39% वोट मिला. 2017 में बीजेपी को 48.8% वोट और कांग्रेस को 41.7% वोट मिला था. बीजेपी ने 44 और कांग्रेस ने 21 सीटें हासिल की थीं. 

10- गुजरात में बीजेपी ने दो सीटें करीब 2 लाख वोट मार्जिन से जीतीं

गुजरात में बीजेपी को ऐतिहासिक जीत मिली है. यहां घाटलोडिया और चोर्यासी सीट से बीजेपी करीब 2 लाख वोटों से जीती. घाटलोडिया से सीएम भूपेंद्र पटेल की राज्य में सबसे बड़ी जीत रही. वे 1.92 लाख वोट से जीते. वहीं, 8 सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशी 1-1.5 लाख वोट से जीते. 15 सीटें ऐसी हैं, जहां प्रत्याशियों के जीत का मार्जिन 70,000 से 1 लाख रहा. 
 

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