
विधानसभा चुनाव को लेकर गुजरात में सियासी सरगर्मी तेज है. आम आदमी पार्टी की एंट्री के चलते कई जगह त्रिकोणीय लड़ाई इस चुनाव में देखने को मिल सकती है. जोकि चुनाव के नतीजों पर भी प्रभाव डालेगी. इन सबके बीच आज हम चर्चा करेंगे धांगध्रा विधानसभा सीट के बारे में. यह सीट साल 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. इस निर्वाचन क्षेत्र में धांगध्रा और हलवाड़ तालुका आता है.
मतदाता समीकरण
इस सीट पर महिला मतदाताओं की संख्या लगभग 1 लाख 1 हजार 114 और पुरुष मतदाताओं की संख्या लगभग 1 लाख 15 हजार 512 है. इस हिसाब से यहां मतदाताओं की कुल संख्या 2 लाख 16 हजार 626 है. यहां 100 प्रतिशत मतदाताओं में तलपड़ा व चुवालिया कोली 21.97 प्रतिशत, पटेल 20.26 प्रतिशत, दलित 10 प्रतिशत, मुस्लिम 5.53 प्रतिशत, राजपूत 4.61 प्रतिशत, क्षत्रिय 5.67 प्रतिशत, जैन सोनी 4.61 प्रतिशत, दलवाड़ी 11.95 प्रतिशत, भरवर-रबारी 8.44 प्रतिशत और ब्राह्मण मतदाता हैं.
सियासी समीकरण
यह सीट बीजेपी का गढ़ रही है. बीजेपी ने 1995 के बाद से पिछले पांच चुनावों में से चार में जीत हासिल की है. वहीं, साल 2007 में कांग्रेस के हीराभाई पटेल ने जीत हासिल की थी. हालांकि भाजपा के जयंतीभाई कावड़िया ने 2012 में फिर से सीट जीती और राज्य सरकार में ग्रामीण विकास मंत्रालय भी संभाला. साल 2017 में कांग्रेस के विधायक जीते लेकिन वह कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में आ गए. इसके बाद उप चुनाव में वो भाजपा से जीते है. इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में है तो यहां त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है.
स्थानीय समस्याएं
इस क्षेत्र में कोई बड़ा उद्योग ना होने के चलते बेरोजगारी एक मुद्दा हो सकता है. चरवाहा-क्षत्रिय समुदाय के बीच संघर्ष भी एक मुद्दा है. भू-माफिया और खनिजों की चोरी मुख्य मुद्दे हो सकते हैं. यहां के लोगों का मुख्य पेशा कृषि है. इसलिए यहां के किसान फसलों के किफायती दाम से परेशान हैं. इसके साथ ही लोगों को पीने के पानी और सिंचाई के पानी की समस्या का भी सामना करना पड़ता है. लोग रेलवे ओवरब्रिज के कामकाज से भी नाखुश हैं.
पिछले उपचुनाव का परिणाम
भाजपा: पुरुषोत्तम साबरिया को 99 हजार 252 वोट मिले
कांग्रेस: दिनेश पटेल को 64 हजार 972 वोट मिले