
गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आज हम आपको बताने जा रहे हैं वलसाड जिले की कपराड़ा विधानसभा सीट की. इस सीट पर आदिवासी समुदाय का दबदबा है. चुनावी नतीजों पर नजर डालें तो पिछले दो चुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, लेकिन BJP ने उपचुनाव जीतकर Congress की नींद उड़ा दी.
क्या है मतदाता का समीकरण
इस सीट पर आदिवासी समुदाय के मतदाताओं का प्रभाव है. कपराड़ा में कुल 2 लाख 60 हजार 595 मतदाता हैं. जिसमें 1 लाख 32 हजार 739 पुरुष और 1 लाख 27 हजार 854 महिला मतदाता हैं. इस विधानसभा सीट पर जातिगत समीकरण की बात करें तो आदिवासी समाज की मुख्य तीन उपजातियां प्रभावशाली हैं. जिनमें सबसे ज्यादा संख्या वारली (85 से 90 हजार) इसके बाद धोडिया पटेल (60 से 65 हजार) और कुंकना (50 से 55 हजार) जाति के मतदाता हैं. साथ ही कोली पटेल समुदाय के 10 से 15 हजार मतदाता हैं.
क्या हैं सियासी समीकरण
गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के लिए हमेशा दक्षिण गुजरात की आदिवासी सीटें महत्वपूर्ण रही हैं. इनमें से कुछ सीटों पर अब भी कांग्रेस का राज है और बीजेपी को तमाम कोशिशों के बाद भी जीत नहीं मिली है. इन सीटों पर आदिवासियों मतदाता निर्णायक भूमिका निभात हैं. हर बार की तरह इस बार भी सभी पार्टियां आदिवासी समाज को जोड़ने की कोशिश कर रही है. परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई कपराड़ा सीट पर साल 2012 और 2017 दोनों चुनावों में कांग्रेस के जीतूभाई हरजीभाई चौधरी विजयी हुए, लेकिन 2020 के उपचुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी.
विधानसभा सीट की समस्याएं
कपराड़ा क्षेत्र में स्थानीय मुद्दों को लेकर लोगों की कई शिकायतें हैं. स्थानीय आदिवासी सड़क, पानी, अस्पताल जैसी मूलभूत सुविधाओं से असंतुष्ट हैं. भारतीय आदिवासी पार्टी भी अन्य दलों के सियासी समीकरण प्रभावित कर सकती है. बीटीपी नेता महेश वसावा का कहना है कि बीजेपी और कांग्रेस पार्टियों ने आदिवासी इलाकों में ठीक से विकास नहीं किया है. आदिवासी क्षेत्रों में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. आदिवासी इलाकों में शिक्षा, रोजगार और पेयजल जैसी बुनियादी जरूरतें मुहैया कराने के मकसद से बीटीपी चुनाव लड़ेगी.
पिछले उपचुनाव का परिणाम
बीजेपी: जीतूभाई चौधरी को 1 लाख 12 हजार 941
कांग्रेस: बाबूभाई पटेल को 65 हजार 875