
गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर राजनीतिक दल मैदान में हैं. सभी पार्टियां जनता को अपनी नीतियों के बारे में बताकर उनको पक्ष में करने में जुटी हैं. इसी बीच आज हम आपको बताने जा रहे हैं राज्य की मोदासा विधानसभा सीट के बारे में. इस सीट पर साल 2017 में कांग्रेस के ठाकोर राजेंद्र सिंह शिवसिंह जीत थे. बीजेपी के परमार भिखूसिंहजी चतुरसिंहजी को हार का सामना करना पड़ा था. इस सीट पर दूसरे फेज में यानी 14 दिसंबर 2017 को वोटिंग हुई थी. इससे पहले यानी कि साल 2012 में कांग्रेस के ठाकोर राजेंद्रसिंह शिवसिंह ने बीजेपी के परमार दिलीपसिंहजी को 22858 वोटों से हराया था. बीजेपी की ओर से परमार दिलीपसिंहजी साल 1995 से लगातार जीतते आ रहे थे.
उधर, आगामी चुनावों में आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम जैसी पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती हैं. ऐसे में 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में जोरदार हलचल देखने को मिलेगी. विशेष रूप से अल्पसंख्यकों के वर्चस्व वाली सीटों पर परिणाम अप्रत्याशित हो सकते हैं.
वर्तमान में कांग्रेस के राजेंद्रसिंह ठाकोर मोदासा के विधायक हैं. वह इस सीट पर दो बार चुने गए हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव के नतीजे दिलचस्प थे. उस चुनाव में राजेंद्र सिंह ठाकोर को 83 हजार 411 वोट मिले थे. जबकि बीजेपी प्रत्याशी परमार भीखूसिंहजी को 81 हजार 771 वोट मिले थे. यानी साल 2017 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र सिंह सिर्फ 1640 वोटों के मामूली अंतर से मोदासा सीट जीत सके. इसलिए आगामी चुनावों में इस सीट को बरकरार रखने के लिए कांग्रेस को कड़ी मेहनत करनी होगी.
मोदासा सीट के कई क्षेत्रों में अभी भी विकास की दरकार है. अरावली जिले को घोषित हुए 9 साल से अधिक समय बीत चुका है. बावजूद इसके क्षेत्र में एक सिविल अस्पताल की मांग पूरी नहीं हुई है. इस क्षेत्र में विभिन्न मुद्दों को लेकर जनता आवाज उठाती रही है.