
गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से चुनावी जमीन तैयार करने में जुटे हैं. गुजरात में राजनीतिक, विकास के साथ-साथ जातिवाद पर भी की जाती हैं. आज हम आपको राज्य की एक ऐसी ही सीट के बारे में बताने जा रहे हैं. यह बनासकांठा की दियोदर विधानसभा सीट है.
दियोदर गुजरात राज्य के बनासकांठा जिले के दियोदर तालुका में एक शहर और तालुका मुख्यालय है. बीजेपी यहां 1998 से शासन कर रही है. हालांकि, पाटीदार आरक्षण आंदोलन और ठाकोर सेना आंदोलन का असर 2017 के चुनाव में देखने को मिला था. बनासकांठा जिला पंचायत और अधिकांश तालुका पंचायतों में कांग्रेस का शासन है. वहीं, सहकारी क्षेत्र में बीजेपी का दबदबा है.
इसके साथ ही बनासकांठा लोकसभा सीट पर ठाकोर और चौधरी मतदाताओं का दबदबा है. जिसमें चौधरी समाज को ज्यादातर बीजेपी का वोट बैंक माना जाता है. जबकि ठाकोर वोट बैंक पर कांग्रेस की मजबूत पकड़ है. साल 2007 और 2012 में इस बैठक पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी जबकि साल 2017 में कांग्रेस इस सीट पर जीती थी.
बात अगर इस सीट पर लोगों की समस्याओं की करें तो सिंचाई और पेयजल की मांग को लेकर लोग मांग कर रहे हैं. गर्मी शुरू होते ही बनासकांठा जिले में पानी की समस्या भयंकर रूप ले लेती है. इस साल की शुरुआत में किसानों ने पानी की मांग को लेकर आंदोलन भी किया था. जिस पर सरकार ने किसानों को पानी देने की मांग मान ली. इसके बाद किसानों में खुशी देखी गई. अब जनता किसे आशीर्वाद देगी ये तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे.