
आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों को लेकर आज हम बात कर रहे हैं बनासकांठा जिले की थराड सीट की. यह सीट जिले के पश्चिमी भाग में आती है. थराड विधानसभा सीट का गठन वाव सीट के विभाजन के बाद साल 2012 में हुआ था. थराड विधानसभा क्षेत्र में थराड सहित लखनी तालुका का हिस्सा शामिल है. व्यवसायी गौतम अदानी भी थराड के मूल निवासी हैं.
पिछले विधानसभा उपचुनाव में थराड की सीट कांग्रेस के गुलाब सिंह ने जीती थी. सीट को बचाने के लिए कांग्रेस और जीतने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक रखी है. बीजेपी यहां नो रिपीट थ्योरी की बात कर रही है.
थराड की जनता को एक कार्यकाल में दो विधायक मिले. इस क्षेत्र में अभी भी कई समस्याएं हैं. वर्षों पहले इस क्षेत्र को शुष्क क्षेत्र के रूप में जाना जाता था. हालांकि, नर्मदा का पानी मिलने से यह समस्या दूर हो गई है.
इस निर्वाचन क्षेत्र के मुख्य हिस्से पर नजर डालें तो वहां रोजगार की खास समस्या नहीं है, लेकिन स्थानीय स्तर पर उद्योगों की कमी है. जिसके कारण यहां रोजगार आसानी से नहीं मिलता. साथ ही 97 गांव ऐसे हैं जहां अभी भी पानी की किल्लत है. निर्वाचन क्षेत्र में कई स्कूल ऐसे हैं जो जर्जर स्थिति में हैं. लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. यहां के पीएचसी और सीएचसी केंद्रों में स्टाफ की कमी है. थराड क्षेत्र के लोग खराब सड़कों से काफी परेशान हैं.