
विधानसभा चुनाव को लेकर गुजरात का सियासी पारा हाई है. आज हम आपको राज्य की रापर विधानसभा सीट के बारे में बताने जा रहे हैं. रापर कच्छ जिले की महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है. इस सीट पर कोली समाज के मतदाता निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं.
इस विधानसभा सीट पर कोली के साथ-साथ लेवा पटेल, दलित, राजपूत, रबारी, जैन वाणिक, अहीर, कडवा पटेल, कायस्थ, ब्राह्मण, लोहाना, क्षत्रिय, मुस्लिम, गढ़वी, भानुशाली समुदाय की आबादी भी अधिक है. रापर विधानसभा सीट का जातिगत समीकरण देखने पर पता चलता है कि यहां ओबीसी 51 फीसदी, सौरन 22 फीसदी, अल्पसंख्यक 14 फीसदी, एससी 12.4 प्रतिशत और एसटी 2.2 प्रतिशत हैं. रापड़ विधानसभा क्षेत्र में डेढ़ लाख की अनुमानित आबादी में पाटीदार, कोली, ठाकोर, क्षत्रिय वोट हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है अगर, बीजेपी कच्छ की छह सीटों पर भगवा फहराना चाहती है तो उसे वागड़ में पाटीदारों के दबदबे का भी ध्यान रखना होगा. यह भी कहा जा रहा है, पश्चिम कच्छ में किसी लोकप्रिय वरिष्ठ नेता का मैदान में उतारना भगवा ब्रिगेड के लिए हितकर होगा.
रापर विधानसभा सीट के अंतर्गत आने वाले कई इलाकों में बुनियादी मुद्दों को लेकर लोगों में आक्रोश है. आवारा जानवर, पानी, नर्मदा मुद्दा, यातायात समस्या, पुलिस उत्पीड़न जैसे मुद्दों से जनता परेशान है. कोरोना काल के दौरान रापर तालुका में मरीजों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इसको लेकर भी निर्वाचन क्षेत्र के लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है.