Advertisement

Gujarat Election 2022: वडोदरा सीट पर क्या कायम रहेगा BJP का वर्चस्व या होगा बदलाव!

Gujarat Election 2022: वडोदरा सिटी विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. मनीषाबेन वकील दो बार से इस सीट पर विधायक चुनी गई हैं. इस सीट पर ओबीसी, दलित और पाटीदार मतदाता प्रभावी व निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इसमें 27 फीसदी ओबीसी वोटर, 17 फीसदी दलित वोटर और 13 फीसदी पाटीदार वोटर हैं.

गुजरात विधानसभा चुनाव, सांकेतिक तस्वीर गुजरात विधानसभा चुनाव, सांकेतिक तस्वीर
दिग्विजय पाठक
  • वडोदरा,
  • 13 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 9:04 AM IST

गुजरात विधानसभा चुनावों में राज्य की अहम सीटों में वडोदरा सीट भी आती है. आज हम आपको इसी सीट के सियासी समीकरण के बारे में बताने जा रहे हैं. वडोदरा सिटी विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. वडोदरा शहर विधानसभा सीट शहर के अधिकांश क्षेत्रों को कवर करती है. मनीषाबेन वकील दो बार से इस सीट पर विधायक चुनी गई हैं. 

Advertisement

वडोदरा शहर विधानसभा सीट पर ओबीसी, दलित और पाटीदार मतदाता प्रभावी व निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इसमें 27 फीसदी ओबीसी वोटर, 17 फीसदी दलित वोटर और 13 फीसदी पाटीदार वोटर हैं. ओबीसी और दलित वोटरों के साथ-साथ पाटीदार वोटरों की मौजूदगी के चलते इस सीट पर पिछले सात बार से बीजेपी का दबदबा है.

साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार मनीषाबेन ने 1 लाख 3 हजार 700 वोट हासिल कर कांग्रेस की जयश्रीबेन सोलंकी (51 हजार 811 वोट) को 51 हजार 889 वोट के अंतर से धूल चटाई थी. 

बात अगर समस्याओं की करें तो इस विधानसभा सीट पर नागरिकों को दूषित पानी, नालियों, सड़कों और गंदगी से जूझना पड़ रहा है. वडोदरा शहर में आवारा पशुओं की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है. कई नागरिक आवारा पशुओं का शिकार हो चुके हैं. स्थानीय लोग इन सभी समस्याओं को दूर करने की मांग कर रहे हैं.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement