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Hardik Patel: राहुल गांधी पर निशाना और राम मंदिर-370 का जिक्र, हार्दिक पटेल ने सोनिया को लिखा ये पत्र

गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. माना जा रहा है कि वे भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकते हैं. जानकारी के मुताबिक, हार्दिक पटेल पिछले दो महीने से बीजेपी नेताओं के संपर्क में थे. हार्दिक पटेल ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में जिस तरह से अयोध्या में राम मंदिर, नागरिकता कानून-एनआरसी, जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने जैसे मुद्दे का जिक्र किया, उससे इन कयासों को और हवा मिलने लगी है.

हार्दिक पटेल ने बुधवार को कांग्रेस से दिया इस्तीफा हार्दिक पटेल ने बुधवार को कांग्रेस से दिया इस्तीफा
aajtak.in
  • अहमदाबाद,
  • 18 मई 2022,
  • अपडेटेड 2:00 PM IST
  • हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा
  • हार्दिक पटेल ने कहा- कांग्रेस का नेतृत्व मुद्दों को लेकर गंभीर नहीं

गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. गुजरात के बड़े पाटिदार नेता हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र भी लिखा है. इसमें उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनपर निशाना साधा है. हार्दिक पटेल ने कहा, जब देश संकट में था, कांग्रेस को नेतृत्व की जरूरत थी, तब हमारे नेता विदेश में थे. 

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इतना ही नहीं इस पत्र में हार्दिक पटेल ने कहा, अयोध्या में प्रभु राम का मंदिर हो, नागरिकता कानून-एनआरसी का मुद्दा हो, जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाना हो या जीएसटी लागू करने का फैसला, देश लंबे समय से इनका समाधान चाहता था, लेकिन कांग्रेस पार्टी इसमें सिर्फ बाधा बनने का काम करती रही. 

'सिर्फ केंद्र के विरोध तक सीमित है कांग्रेस'

उन्होंने कहा, भारत देश हो, गुजरात हो या मेरा पटेल समाज, हर मुद्दे पर कांग्रेस का स्टैंड सिर्फ केंद्र सरकार का विरोध तक सीमित रहा. कांग्रेस को लगभग देश के हर राज्य की जनता ने रिजेक्ट इसलिए किया, क्योंकि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व जनता के समक्ष एक रोडमैप प्रस्तुत नहीं कर पाया. 

नेतृत्व में गंभीरता की कमी- हार्दिक पटेल

हार्दिक पटेल ने कहा, कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में किसी मुद्दे के प्रति गंभीरता की कमी एक बड़ा मुद्दा है. मैं जब भी पार्टी के नेतृत्व से मिला तो लगा कि उनका ध्यान गुजरात की जनता की समस्याओं से सुनने से ज्यादा अपने मोबाइल और बाकी चीजों पर रहा. जब भी देश संकट में था, अथवा कांग्रेस को नेतृत्व की जरूरत थी, तो हमारे नेता विदेश में थे. शीर्ष नेतृत्व का बर्ताव जनता के प्रति ऐसा है कि गुजरात और गुजरात के लोगों से उन्हें नफरत हो. 

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उन्होंने कहा, दुख होता है, जब हम जैसे कार्यकर्ता अपने खर्चे पर दिन में 500-600 किमी तक की यात्रा करते हैं, जनता के बीच जाते हैं और फिर देखते हैं कि गुजरात के बड़े नेता जनता के मुद्दों से दूर सिर्फ इस पर ध्यान देते हैं कि दिल्ली से आए नेता को उनका चिकन सैंडविच समय पर मिला या नहीं. युवाओं के बीच में जब भी गया, तो सभी ने एक ही बात कही, कि आप ऐसी पार्टी में क्यों हैं, जिसने सिर्फ गुजरात का अपमान किया. चाहें वह उद्योग के क्षेत्र में हो, चाहें धार्मिक क्षेत्र में या फिर राजनीतिक क्षेत्र में. 

'कांग्रेस ने गुजरात की जनता के मुद्दों को कमजोर किया'

हार्दिक पटेल ने कहा, मुझे दुख के साथ कहना पड़ता है आज गुजरात में हर कोई जानता है कि किस प्रकार कांग्रेस के बड़े नेता नेताओं ने जानबूझकर गुजरात की जनता के मुद्दों को कमजोर किया. इसके बाद आर्थिक फायदे उठाए. 

उन्होंने कहा, मुझे अफसोस है कि कांग्रेस पार्टी गुजरात के लिए कुछ नहीं करना चाहती. इसलिए जब मैं गुजरात के लिए कुछ करना चाहता हूं, तो मेरा तिरस्कार होता रहा. उन्होंने कहा, आज मैं बड़ी हिम्मत से पार्टी और पद से इस्तीफा देता हूं. मुझे विश्वास है कि इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी. 

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