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Gujarat Assembly Election 2022: भावनगर लोकसभा क्षेत्र के बोटाद विधानसभा सीट पर जानिए क्या है चुनावी समीकरण

इस चुनावी दौर में हम बात कर रहे हैं बोटाद विधानसभा सीट के बारे में. इस निर्वाचन क्षेत्र में 2019 की मतदाता सूची के अनुसार, 2 लाख 68 हजार 175 वोटर हैं. इस सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता सौरभ पटेल का काफी प्रभाव माना जाता है. 2017 के चुनाव में कांग्रेस के धीरजलाल को बीजेपी के सौरभ पटेल ने हराया था.

गुजरात विधानसभा चुनाव (प्रतीकात्मक फोटो) गुजरात विधानसभा चुनाव (प्रतीकात्मक फोटो)
दिग्विजय पाठक
  • बोटाद,
  • 04 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 8:50 PM IST

बोटाद विधानसभा सीट (107) गुजरात के बोटाद जिले में स्थित है. यह भावनगर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. इस सीट पर पिछले चार विधानसभा चुनावों से बीजेपी ने जीत दर्ज की है.

साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुत कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. पिछले चुनाव में जितने वोटों से भाजपा के प्रत्याशी की जीत हुई थी, उससे ज्यादा वोट नोटा में पड़े थे.

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मतदाताओं के आंकड़े 

बोटाद विधानसभा सीट पर 2019 की मतदाता सूची के अनुसार 2 लाख 68 हजार 175 वोटर हैं. साल 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल जनसंख्या 3 लाख 56 हजार 354 है.

इस सीट पर 63.43 प्रतिशत ग्रामीण और 36.57 प्रतिशत शहरी मतदाता हैं. वहीं, अनुसूचित जाति (एससी) के 6.4 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के 0.19 प्रतिशत वोटर हैं.

राजनीतिक समीकरण
बोटाद विधानसभा सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता सौरभ पटेल का काफी प्रभाव है. वह अंबानी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. 2017 विधानसभा चुनाव के बोटाद सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी धीरजलाल और बीजेपी के प्रत्याशी सौरभ पटेल के बीच मुकाबला हुआ था. इसमें बीजेपी के सौरभ पटेल ने चुनाव जीत लिया था.

सौरभ पटेल को 79 हजार 623 वोट मिले थे और कांग्रेस को 78 हजार 717 वोट मिले थे. खास बात ये है कि पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भी यहां हाथ आजमाया था. आप के प्रत्याशी को महज 361 वोट मिले थे. 

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विधानसभा चुनाव 2022 के हालात 2017 से थोड़े अलग हो सकते हैं. कारण यह है कि आरक्षण आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले युवा नेता हार्दिक पटेल अब बीजेपी में हैं.

बीजेपी के पास इस बार पिछले चुनाव की तरह पाटीदार फैक्टर नहीं हो सकता है. इसके अलावा भाजपा ने पाटीदार नेताओं की कई मांगों को स्वीकार कर उन्हें लागू किया है. वैसे कुछ जगहों पर सरकार के खिलाफ विरोध भी हो रहा है. 

 

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