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Gujarat Assembly Elections: गुजरात में मुस्लिम बहुल सीट मांडवी में AIMIM किसका बिगाड़ेगी खेल?

मुस्लिम बहुल विधानसभा सीट मांडवी पर बीजेपी का वर्षों से दबदबा रहा है. हालांकि इस बार आम आदमी पार्टी और AIMIM की एंट्री से सियासी तस्वीर बदल सकती है.

बंदरगाह के तौर पर भी मांडवी की पहचान बंदरगाह के तौर पर भी मांडवी की पहचान
गोपी घांघर
  • मांडवी,
  • 09 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:22 PM IST

गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी, कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM भी सियासी मैदान में पूरा जोर लगा रही है. गुजरात की 10 फीसदी मुस्लिम वोट बैंक पर हक जताने वाली औवेसी की पार्टी की जिन सीटों पर नजर है, उनमें कच्छ की मांडवी सीट भी है.

भाजपा ने इस बार भी प्रदेश में 150 से अधिक सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है. मांडवी विधानसभा सीट पर बीजेपी का लंबे वक्त से कब्जा है. मुस्लिम बहुल सीट होने के बावजूद यहां कई वर्षों से बीजेपी जीतती आई है. 1985 से 2002 तक इस सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज कर की. इस सीट से बतौर बीजेपी प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री सुरेश मेहता भी जीत चुके हैं.

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2002 के दंगों के बाद इस सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस के छबील पटेल ने जीत हासिल की थी. हालांकि 2007 के विधानसभा चुनाव में छबील पटेल हार गए. इसके बाद 2007 से 2017 तक बीजेपी जीतती रही है. इस सीट से अभी वीरेंद्र सिंह जाडेजा विधायक हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या भाजपा फिर से वीरेंद्र सिंह जाडेजा पर भरोसा जताएगी?

मुस्लिम बहुल सीट मांडवी में मुस्लिम वोटर्स की संख्या 50 हजार से अधिक है. दलित, राजपूत और पाटीदार मतदाता भी अच्छी-खासी तादाद में हैं. कुल 2 लाख 24 हजार मतदाताओं वाले इस विधानसभा सीट पर चुनाव पैटर्न के हिसाब से लगभग 1 लाख 50 हजार लोग वोट करते रहे हैं. 2017 के चुनाव में भाजपा के वीरेंद्र सिंह जाडेजा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता शक्ति सिंह गोहिल को करीब 9 हजार मतों से हराया था.

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अब चर्चा है कि इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम भी इस सीट पर उम्मीदवार उतार सकती है. इससे यहां की सियासी तस्वीर बदल सकती है. इस विधानसभा सीट पर हार-जीत के वोटों का अंतर 10 हजार से भी कम रहा है.

गुजरात के कच्छ के समुद्र किनारे पर स्थित मांडवी शानदार समुद्री तट के लिए दुनिया में जाना जाता है. मांडवी में बनने वाले लकड़ी के जहाज बेहद लोकप्रिय हैं. यहां वर्षों से पांरपरिक लकड़ी का जहाज बनाने का कारोबार है. मांडवी कच्छ का प्रमुख बंदरगाह भी है. मुबई और सूरत बंदरगाहों से पहले यह पूरे गुजरात का अहम बंदरगाह हुआ करता था. कच्छ के राजा खेगार्जी ने 1574 में मांडवी में बंदरगाह की स्थापना की थी. इस बंदरगाह पर पूर्वी अफ्रीका, फारस की खाड़ी, मालाबार तट समेत दक्षिण पूर्वी एशिया से जहाज आते हैं.

मांडवी के खाने में डबल रोटी प्रसिद्ध है. यहां पर डबल रोटी यानी पांउ में खास तरह का मसाला मिलाया जाता है, जिसे गुजरात के दूसरे इलाकों में दाबेली के तौर पर जाना जाता है.

 

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