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पूर्व PM वाजपेयी की तारीफ करते हुए शंकर सिंह वाघेला बोले- आज का नेतृत्व बौना और बिना सोच का

गुजरात चुनावों से पहले पंचायत आजतक का महामंच सजा है. कार्यक्रम में गुजरात के पूर्सुव मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने भी शिरकत की. उन्होंने गुजरात की राजनीति पर अपने विचार साझा किए और लोगों को वोटों का ध्रुविकरण करने की अपील की.

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला
aajtak.in
  • अहमदाबाद,
  • 15 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:34 PM IST

गुजरात चुनाव से पहले, पंचायत आजतक के मंच पर राज्य के कद्दावर नेता शिरकत कर रहे हैं. कार्यक्रम में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला (Shanker singh Vaghela) भी पहुंचे. उन्होंने आज की राजनीति पर अपने विचार रखे और इन चुनावों पर अपना रुख साफ किया. 

शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि आज का चुनाव सिस्टम फेलियर है. आजकल MP और MLAs मलाईदार पोज़ीशन होती है, आज वो वोट के लिए भीख मांगता है, फिर बाद पब्लिक भीख मांगती है 5 साल के लिए. इनके मन से ये भाव खत्म हो जाते हैं कि पब्लिक मालिक है, क्योंकि उसे आम आदमी से अलग ट्रीटमेंट मिलता है और सीधा-साधे आदमी का भी दिमाग टेढ़ा हो जाता है. दिमाग में कचरा घुसता है, उसे निकलना चाहिए.   

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'पॉलिटिकल वर्कर को शिक्षा देनी चाहिए'

उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में अगर किसी क्वालिफिकेशन की जरूरत है, किसी को शिक्षा देनी है तो वह है पॉलिटिकल वर्कर को देनी चाहिए. उन्हें बताना चाहिए कि आपको ये करना है, ये नहीं करना है. पॉलिटिकल वर्कर को क्वालिफाइड होना चाहिए. पता होना चाहिए कि इसने पार्टी क्यों ज्वाइन की है, वो जो मां-बाप की सेवा नहीं करता वो पब्लिक की सेवा करेगा? जो सेवा करने के लिए आता है उसके पीछे मेवा की बू आती है. 

'पब्लिक ही मेरी पार्टी है'

उन्होंने कहा कि इंडियन वोटर नेगेटिव वोटर है. गुजरात में ये हालत है कि कोई भी चलेगा लेकिन बीजेपी नहीं चलेगी. वोटर को आज यही महसूस हो रहा है, उन्हें 1977 और 1980 में भी यही महसूस हुआ था. उन्होंने अपनी पार्टी के बारे में बताते हुए कहा, 'पब्लिक ही मेरी पार्टी है. मैंने 2017 में पार्टी का सिंबल मांगा था, लेकिन अभी तक नहीं मिला है. अभी भी अर्जी चुनाव आयोग के पास पड़ी है. ऐसा नहीं है कि पार्टी के माध्यम से आपको कुछ बन जाना है.'

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'लोग मार्केटिंग से ऊब गए हैं'

उन्होंने कहा, '27 साल से गुजरात में बीजेपी है, मार्केटिंग के एफेक्ट ज़रूर होते हैं, लेकिन इसकी भी एक लिमिट होती है. एक समय के बाद लोग ऊब जाते हैं. कांग्रेस ने अगर सही से तैयारी की होती, तो वो भी सत्ता में आती.  मार्केटिंग पर खर्चा तो बहुत होता है, लेकिन लोगों के दिमाग में ये आ जाता है कि 'ये है'. बीजेपी ने मार्केटिंग पर करोड़ों रुपए खर्च किए हैं. लेकिन अब लोग पढ़कर ऊब गए हैं, क्योंकि ये पब्लिक का पैसा है. 

'आज बौने लोगों के हाथ में शासन है'

उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए कहा कि बीजेपी में ऐसे लोग भी थे, जिन्हेंने लाहौर-अमृतसर के बीच बस शुरू करवाई थी, जो जम्हूरियत और कश्मीरियत की बात किया करते थे. आज बौने लोगों के हाथ में शासन आ गया है. इनकी कोई सोच नहीं है. सिर्फ भाषण-भाषण, पार्टी-पार्टी. इन्हें पब्लिक की नहीं अपनी पड़ी है. ये अपना उल्लू सीधा करने के लिए कार्यकर्ताओं को डराते-धमकाते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए. 

'चुनाव आयोग में बोल्ड आदमी की ज़रूरत है'

मैं आज के इलेक्शन सिस्टम के खिलाफ हूं. यहां एक ही वोट से हार जीत हो जाती है. इलेक्शन कमिशन नाम मात्र का है. जबकि ये बहुत पावरफुल होता है. यहां बोल्ड आदमी होना चाहिए, जिसकी कमी है.

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2022 में वाघेला कहां हैं?

इसपर उन्होंने कहा कि 27 साल तक कांग्रेस की कमी रही होगी. लेकिन आज काला चोर चलेगा, लेकिन आज की बीजेपी नहीं चलेगी. अगर कांग्रेस निकम्मी है, तो 5 साल बाद निकाल दीजिएगा. लेकिन यहां सिर्फ झूठ और चीटिंग है. मैं चुनाव में एंटी बीजेपी हूं और प्रो कांग्रेस हूं. मैं कैंपेन करूंगा और करना शुरू भी कर दिया है. 2-4 सभाएं भी हो गई हैं. इसमें मुझे कोई शर्म या संकोच नहीं है. मैं जनता से अपील करता हूं कि वोट का ध्रुवीकरण कीजिए. 

'ह्यूमन वीकनेस का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए'

बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं को लेकर उन्होंने कहा कि खरीदने वाले को शर्म आनी चाहिए. बिका हुआ माल तो बाजार में रहेगा. ये ह्यूमन वीकनेस होती हैं जिसका दुरुपयोग राजनीति में नहीं करना चाहिए.

 

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