
हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला दिख रहा है. तमाम कयासों से अलग इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल का ये अनुमान मंगलवार को सामने आया. एग्जिट पोल के मुताबिक 21 अक्टूबर को हुए मतदान में कांग्रेस को खासा लाभ होने का अनुमान है.
90 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी को 32 और 44 के बीच सीट मिलने का अनुमान है. 2014 विधानसभा में बीजेपी को 47 सीट पर जीत हासिल हुई थी. दूसरी तरफ कांग्रेस को 30-42 सीट मिलने का अनुमान है. 5 साल पहले कांग्रेस को सिर्फ 15 सीट पर जीत हासिल हुई थी.
हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा में सीधा मुकाबला था.
वोट शेयर
पांच महीने पहले ही हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हरियाणा में प्रचंड समर्थन मिला था. उस वक्त बीजेपी का वोट शेयर 58% था. एग्जिट पोल के मुताबिक इस बार बीजेपी का वोट शेयर गिर कर 33% पर आने का अनुमान है.
इंडिया टुडे- एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक कांग्रेस के वोट शेयर में मई लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार 4% का इजाफा होने का अनुमान है. कांग्रेस का वोट शेयर लोकसभा चुनाव के 28% की तुलना में बढ़ कर 32% होने का अनुमान है.
‘मिशन 75’ बनाम अनुमान
बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 90 में से 75 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था क्योंकि इस साल मई में लोकसभा चुनाव नतीजों के तत्काल बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए ‘मिशन-75’ का एलान किया था. याद कीजिए इस साल लोकसभा चुनाव में हरियाणा में दस की दस लोकसभा सीटें बीजेपी ने जीती थीं.
अन्य
एग्जिट पोल के मुताबिक दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) के इस विधानसभा चुनाव में 6 से 10 सीटों पर जीत हासिल करने का अनुमान है. JJP पिछले साल इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के दो-फाड़ होने के बाद बनी थी. 2014 विधानसभा चुनाव में अविभाजित INLD ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी.
विश्लेषण
हरियाणा के 1.8 करोड़ से ज्यादा वोटरों में से इस बार 68.47% ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. 2014 विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत 76.54% रहा था.
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चंडीगढ़ में इंडिया टुडे टीवी के डिप्टी एडिटर मंजीत सहगल के मुताबिक कांग्रेस को जो लाभ मिलता दिख रहा है वो जाट समुदाय में हुड्डा के प्रभाव की वजह से है. इसके अलावा कांग्रेस की ओर से किसानों की दिक्कतें और बेरोजगारी दूर करने के वादे भी कारगर साबित होते दिख रहे हैं.
मंजीत सहगल ने कहा, दुर्भाग्य से कांग्रेस अपने घोषणापत्र को राज्य भर में फैलाने के लिए पूरी ऊर्जा लगाने में नाकाम रही. कांग्रेस ने हरियाणा के लिए 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट तैयार की थी. इनमें से कम से कम 14 को प्रचार से हटा दिया गया. यहां तक कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी राज्य में अपनी दो रैलियों को अचानक रद्द कर दिया.
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वहीं बीजेपी का प्रचार अधिकतर राष्ट्रवादी मुद्दों पर फोकस रहा. इनमें जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करना, बालाकोट स्ट्राइक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी छवि को जोरशोर से आगे किया गया.
मंजीत सहगल ने कहा, ‘हरियाणा के कई वोटरों की राय रही कि उनके स्थानीय मुद्दों को खट्टर सरकार ने संतोषजनक से नहीं निपटाया. इसके अलावा 30 जाट बाहुल्य विधानसभा क्षेत्रों में हुड्डा फैक्टर ने बीजेपी के वोट शेयर पर असर डाला.’
मेथेडोलॉजी
एग्जिट पोल हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर प्रतिभागियों से रू-ब-रू इंटरव्यू पर आधारित है. इसमें 23,118 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.