
मशहुर हरियाणवी डांसर और गायिका सपना चौधरी लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुई थीं. अब वह हरियाणा लोकहित पार्टी का प्रचार करेंगी. हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के अंतिम दिन सपना चौधरी का सिरसा और रानियां में कांडा बंधुओं के समर्थन में कार्यक्रम होना है.
हरियाणा चुनाव में विरोधी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने के सपना के फैसले से बीजेपी में नाराजगी है. सूत्रों की मानें तो पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इससे नाराज हैं. इस नाराजगी के पीछे भी वजह है. दरअसल हरियाणा बीजेपी के कई नेताओं ने पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और सपना को पार्टी में शामिल कराने वाले मनोज तिवारी के माध्यम से भी पुरजोर प्रयास किया कि सपना चौधरी विधानसभा चुनाव में प्रचार करें. तमाम दबावों को दरकिनार कर सपना चौधरी ने किसी भी विधानसभा क्षेत्र में जाकर पार्टी के किसी भी प्रत्याशी के लिए प्रचार नहीं किया.
कांडा बंधुओं के समर्थन में की मतदान की अपील
बीजेपी की प्राथमिक सदस्य सपना चौधरी ने न केवल हरियाणा जनहित पार्टी के टिकट पर सिरसा विधानसभा सीट से उम्मीदवार गोपाल कांडा और रानियां विधानसभा सीट से उनके भाई गोविंद कांडा के समर्थन में कार्यक्रम की हामी भरी है, बल्कि एक वीडियो भी जारी किया है. इस वीडियो में सपना चौधरी ने कांडा बंधुओं के पक्ष में मतदान करने की अपील की है.
आलाकमान से शिकायत की तैयारी में दिग्गज
एक तरफ जहां बीजेपी विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर मनोहर सरकार की फिर से सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही है. वहीं दूसरी तरफ पार्टी की प्राथमिक सदस्य सपना चौधरी के इस कदम से पार्टी को नुकसान पहुंच सकता है. वह हरियाणा में काफी लोकप्रिय हैं. सूत्रों की मानें तो हरियाणा बीजेपी के दिग्गज नेता अब सपना चौधरी की आलाकमान से शिकायत करने की तैयारी में हैं. गौरतलब है कि सिरसा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार को गोपाल कांडा से ही चुनौती मिल रही है. ऐसे में सपना के रोड शो से पार्टी को क्षति हो सकती है.
बीजेपी ने नहीं दिया था टिकट
लोकसभा चुनावों से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुईं सपना चौधरी को लेकर यह कहा जा रहा था कि पार्टी उन्हें दिल्ली या हरियाणा की किसी सीट से उम्मीदवार बना सकती है. लोकसभा चुनाव में उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाए जाने के बाद ऐसा माना जाने लगा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में उन्हें मैदान में उतारा जा सकता है. सपना ने टिकट के लिए दावेदारी भी की थी, लेकिन टिकट नहीं मिला. ऐसे में सपना का पार्टी के लिए प्रचार से खुद को अलग रखना और विरोधी दल के उम्मीदवारों के पक्ष में वीडियो जारी करने के साथ ही कार्यक्रम की हामी भरना नाराजगी का संकेत माना जा रहा है.