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हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले चुनाव पर नजर रखने वाली संस्था ADR ने अपनी रिपोर्ट जारी की है. 9 नवंबर को होने वाले वोटिंग के पहले 338 उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल किए जाने के बाद एडीआर ने अपनी यह रिपोर्ट बनाई है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा करोड़पति उम्मीदवार दिए हैं, जबकि दागी उम्मीदवारों की संख्या में बीजेपी अव्वल है.
आपराधिक मामले :
हिमाचल विधानसभा में उतरे कुल 338 उम्मीदवारों में 61 यानी 18 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले एफिडेविट में दिखाए हैं. वहीं 9 प्रतिशत यानी की कुल 31 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के 1 उम्मीदवार राम कुमार के खिलाफ हत्या के तहत मामला दर्ज है. जबकि दो विद्वानों के खिलाफ हत्या की कोशिश के तहत मामला दर्ज है.
कुल 338 उम्मीदवारों में से 6 यानी कि 9 प्रतिशत कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. जबकि BJP के 23 यानी कि 34% उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
वहीं बसपा के 42 उम्मीदवारों में से तीन के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. जबकि वामपंथी दलों के 14 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
कुल उम्मीदवारों में से कांग्रेस के 4% और बीजेपी के 13 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं.
करोड़पति उम्मीदवार :
हिमाचल प्रदेश के कुल 338 उम्मीदवारों में से 158 यानी कि 47 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं. ADR की रिपोर्ट के मुताबिक 59 उम्मीदवार यानी कि 87 प्रतिशत उम्मीदवार कांग्रेस पार्टी के 47 उम्मीदवार यानी कि 69 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं.
बहुजन समाजवादी पार्टी के 6 और वामपंथी दलों के 3 उम्मीदवारों ने भी एफिडेविट में खुद को करोड़पति बताया है. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 4.7 करोड़ रुपये हैं.
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक 20 यानी कि कुल 6% उम्मीदवारों ने अपने पैन कार्ड का ब्यौरा जाहिर नहीं किया है.