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हिमाचल चुनाव में इतिहास रचने को तैयार देश के पहले वोटर 100 वर्षीय नेगी

पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत लाल बहादुर शास्त्री के बड़े प्रशंसक नेगी ने कहा कि लोगों को अच्छे नेताओं के लिए वोटिंग करना चाहिए क्योंकि इससे देश को विकसित होने में मदद मिलेगी. वह याद करते हैं कि जब उन्होंने पहली बार वोटिंग किया था तब से समय कितना बदल गया है.

देश के पहले वोटर श्याम शरण नेगी (फाइल) देश के पहले वोटर श्याम शरण नेगी (फाइल)
नंदलाल शर्मा
  • शिमला ,
  • 06 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:30 PM IST

श्याम शरण नेगी ने 66 वर्ष पहले वर्ष 1951 में इतिहास बनाया था, जब उन्होंने हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के काल्पा में वोटिंग किया. इसके साथ ही वह स्वतंत्र भारत के पहले वोटर बन गए. दशकों बीत गए और अब स्कूल के सेवानिवृत्त शिक्षक 100 वर्षीय नेगी पूरे उत्साह के साथ फिर से वोटिंग की तैयारी कर रहे हैं.

नेगी के सबसे छोटे पुत्र चंदर प्रकाश ने कहा, मेरे पिता नौ नवंबर को होने जा रहे राज्य विधानसभा चुनाव में वोटिंग की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने राज्य विधानसभा चुनाव या आम चुनाव में कभी भी वोटिंग से दूरी नहीं बनाई. जब वह वोटिंग करने जाते हैं तो पूरे मीडिया की नजर उन पर होती है. प्रशासन भी इस बार उनके स्वागत के लिए तैयार है.

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नौ भाई-बहनों में सबसे छोटे प्रकाश ने बताया, मेरे पिता को आज भी वह दिन याद है, जब वह पहली दफा वोटिंग करने गए थे. जब भी वह वोटिंग करते हैं उनका उत्साह और रोमांच वैसा ही होता है. चीनी, जो वर्तमान में किन्नौर का काल्पा है, में 1951 में भारी बर्फबारी की आशंका से राज्य के अन्य हिस्सों के मुकाबले पहले वोटिंग हुई थी. यह इलाका पूर्वी दिशा में तिब्बत से सटा है. यहीं पर नेगी ने पहली बार वोटिंग की थी.  

पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत लाल बहादुर शास्त्री के बड़े प्रशंसक नेगी ने कहा कि लोगों को अच्छे नेताओं के लिए वोटिंग करना चाहिए क्योंकि इससे देश को विकसित होने में मदद मिलेगी. वह याद करते हैं कि जब उन्होंने पहली बार वोटिंग किया था तब से समय कितना बदल गया है.

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नेगी बताते हैं, मुझे अब भी याद है कि जब गिने चुने स्कूल ही हुआ करते थे और वहां तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. अब तो दूरदराज के इलाकों में भी स्कूल हैं और मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात से होती है कि लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है, जबकि पहले लड़कियों को घर की चारदीवारी में ही रखा जाता था.

प्रकाश के मुताबिक उनके पिता खुद को कुएं का मेंढक बताते हैं, क्योंकि वह हिमाचल से केवल एक ही बार बाहर निकले हैं. तब वह हरिद्वार गए थे. किन्नौर के उपायुक्त डॉ. नरेश कुमार लठ जो जिला निर्वाचन अधिकारी भी हैं, उन्होंने कहा कि नेगी को वोटिंग करने में कोई परेशानी ना आए, उसके लिए पूरी व्यवस्था की जाएगी.

उन्होंने बताया, काल्पा में वोटिंग केंद्र के प्रवेश द्वार पर उनका स्वागत किया जाएगा. परंपरागत किन्नौरी टोपी, शॉल और स्मृति चिन्ह के साथ उनका सम्मान किया जाएगा. काल्पा के उपसंभागीय मजिस्ट्रेट डॉ. अवनिंदर कुमार ने बताया कि घर से वोटिंग केंद्र तक लाने और वोटिंग के बाद उन्हें घर भेजने की पूरी व्यवस्था की जाएगी.

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