
चुनावी राज्यों में भाजपा पूरी ताकत से तैयारियों में जुटी है. पार्टी नहीं चाहती है कि उसके हाथ से कोई राज्य जाए. इस साल के अंत में 2 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. गुजरात और हिमाचल प्रदेश दोनों चुनावी राज्य हैं. हिमाचल के लिए तो तारीख का ऐलान भी हो गया है.
हिमाचल में हो चुका है तारीखों का ऐलान
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं और सभी सीटों पर 12 नवंबर को एक साथ मतदान होगा. 8 दिसंबर को मतगणना होगी. फिलहाल राज्य में भाजपा की सरकार है. लेकिन इस बार चुनाव रोचक होने वाला है क्योंकि भाजपा और कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी भी मैदान में है.
पार्टी ने बनाई ठोस रणनीति
ऐसे में विधानसभा चुनाव में भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. पार्टी को किसी भी नुकसान से बचाने के लिए नेतृत्व ने ठोस रणनीति भी बनाई हुई है. बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश में उम्मीदवार तय करने के लिए आंतरिक मतदान कराया है. पार्टी ने चारों संसदीय क्षेत्रों में पार्टी पदाधिकारियों से उनकी तीन-तीन पसंद मांगी हैं.
सर्वे ने बढ़ाईं मुश्किलें
आंतरिक मतदान के बाद बैलेट बॉक्स को दिल्ली भेजा गया. दिल्ली में बैलेट बॉक्स खोल कर गिनती कराई गई. इन मतदानों में कई ऐसे नाम भी सामने आए जो बीजेपी के आंतरिक सर्वे का हिस्सा ही नहीं थे. इसके बाद पार्टी के सामने मुश्किलें और बढ़ गई हैं. अब भाजपा में उम्मीदवारों के नामों पर और गहनता से विचार हो रहा है.
कार्यकर्ताओं ने किया इन लोगों का विरोध
यह आंतरिक मतदान शिमला, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा में हुआ. कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के आधार पर कई विधायकों का टिकट कटना तय माना जा रहा है. कई जगहों पर मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं ने मतदान में दल बदलने वालों को टिकट देने का विरोध किया है.
गौरतलब है कि बीजेपी ने दशकों बाद उम्मीदवार तय करने के लिए आंतरिक मतदान का सहारा लिया है.