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हिमाचल: बीजेपी ने छह सीटों को होल्ड पर रखा, कांग्रेस के बागियों पर क्या नजर? 

हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने 68 विधानसभा सीटों में से 62 सीट पर कैंडिडेट उतारे हैं, लेकिन छह सीटें रोक रखी है. यह छह सीटें वो हैं, जिसमें से चार पर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का कब्जा है. बीजेपी की नजर कांग्रेस के गढ़ में सेंधमारी करने की है, जिसके चलते उन्हें होल्ड कर रखा है.

जयराम ठाकुर और जेपी नड्डा जयराम ठाकुर और जेपी नड्डा
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 19 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 2:33 PM IST

हिमाचल विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. राज्य की 68 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 62 सीट पर ही कैंडिडेट के नामों का ऐलान किया है. बीजेपी ने अपने मौजूदा 10 विधायकों के टिकट काट दिए हैं तो 2 मंत्रियों की सीट बदल दी है और एक मंत्री की जगह उनके बेटे को टिकट दिया है. बीजेपी ने छह सीटों को होल्ड पर रखा है, जहां पर टिकट की घोषणा नहीं की. माना जा रहा है कि बीजेपी ने इन सीटों को कांग्रेस के बागियों के लिए रिजर्व कर रखी है.

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छह सीटों पर नहीं उतारे कैंडिडेट

बीजेपी ने देहरा, ज्वालामुखी, कुल्लू, बड़सर, हरोली और शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं किया है. बीजेपी ने जिन सीटों को रोक रखा है, उनमें से चार सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं. देहरा सीट पर होशियार सिंह निर्दलीय विधायक हैं तो ज्वालामुखी सीट पर बीजेपी के रमेश चंद्र धावला विधायक हैं. कांग्रेस के कब्जे वाली चारों सीटों पर दिग्गज नेता विधायक हैं, जहां बीजेपी को अपना कब्जा जमाना आसान नहीं है. ऐसे में बीजेपी की नजर कांग्रेस के बागी नेताओं पर है. 

कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का कब्जा

शिमला ग्रामीण सीट से विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस के विधायक हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं. यह कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है. ऐसे ही कांगड़ा जिले की हरोली सीट है, जहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता मुकेश अग्निहोत्री चार बार से लगातार विधायक हैं. कांग्रेस की मजबूत सीट मानी जाती है. मंडी जिले की कुल्लू विधानसभा सीट कांग्रेस की मजबूत सीट मानी जाती है, जहां से सुंदर सिंह ठाकुर विधायक हैं. ऐसे ही बड़सर विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस का दबदबा है और इंद्रदत्त लखनपाल विधायक हैं. 

कांग्रेस के गढ़ पर बीजेपी की नजर

हिमाचल में बीजेपी अपनी सत्ता को बरकरार रखकर 37 साल से चले आ रहे सियासी ट्रेंड को तोड़ना चाहती है. साढ़े तीन दशक से हिमाचल में हर पांच साल पर सत्ता परिवर्तन कांग्रेस और बीजेपी के बीच होता आ रहा है. बीजेपी सत्ता में है, जिसके लिहाज से कांग्रेस अपनी वापसी की उम्मीद लगाए हैं. ऐसे में बीजेपी उत्तराखंड की तरह हिमाचल में भी सत्ता परिवर्तन के ट्रेंड को तोड़कर इतिहास रचना चाहती है, जिसके लिए उसी नजर अपनी सीटों को बचाए रखने के साथ कांग्रेस के गढ़ में सेंधमारी करने की है. 

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राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो बीजेपी हिमाचल में किसी तरह की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ रही है. ऐसे में उसकी नजर उन सीटों पर है, जहां पर कांग्रेस के दिग्गज नेता लगातार विधायक बन रहे हैं. माना जा रहा है कि इसी मद्देनजर बीजेपी ने कांग्रेस कब्जे वाली चार सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया, क्योंकि इन सीटों पर कांग्रेस के बागी नेता को उतारकर मुकेश अग्निहोत्री और विक्रमादित्य सिंह जैसे नेता को उन्हीं के घर में घेरकर सीमित रखना चाहती है. इतना ही नहीं कुछ सीटें मजबूत कैंडिडेट को देकर सीट को फतह करना चाहती है. 

सत्ता विरोधी लहर तोड़ने का दांव

बीजेपी पांच साल से हिमाचल की सत्ता में रही है और हर पांच साल पर सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड रहा है. इस तरह सत्ताविरोधी लहर को खत्म करने के लिए बीजेपी ने बड़ा दांव चला है. बीजेपी ने अपने मौजूदा 10 विधायकों को टिकट काट दिए हैं और उनकी जगह नए चेहरों पर दांव लगाया है ताकि सत्ता विरोधी लहर को फेल किया जा सके. इतना ही नहीं बीजेपी ने मौजूदा दो मंत्रियों की सीट बदल दी है जबकि एक मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का टिकट काटकर उनके बेटे रजत ठाकुर को कैंडिडेट बनाया है. 

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बीजेपी ने 10 विधायकों के टिकट काटे

बीजेपी ने 62 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है, जिसमें 10 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं मिल सका. आनी के विधायक किशोरी लाल, सरकाघाट से कर्नल इंद्रसिंह, द्रंग से जवाहर ठाकुर, करसोग के विधायक हीरालाल, भोरंज से कमलेश कुमारी, ज्वाली से अर्जुन सिंह, भरमौर से जियालाल, बिलासपुर से सुभाष ठाकुर, धर्मशाला से विशाल नहरिया और चंबा से पवन नय्यर का टिकट नहीं मिल सका है. इनकी जगह आनी से लोकेंद्र कुमार, करसोग से दीपराज कपूर, द्रंग से पूर्ण चंद ठाकुर, सरकाघाट से दलीप ठाकुर, भोरंज से डॉ. अनिल धीमान, बिलासपुर से संगठन महामंत्री त्रिलोक जमवाल को टिकट दिया है. ज्वाली से संजय गुलेरिया, धर्मशाला से राकेश चौधरी, भरमौर से डा. जनकराज और चंबा से इंदिरा कपूर को प्रत्याशी बनाया है. 

जयराम को मिला तो धूमल का कटा टिकट

हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सिराज सीट से चुनाव लड़ेंगे, जिनके खिलाफ कांग्रेस से चेतराम मैदान में है. बीजेपी ने अपने दिग्गज नेता प्रेम कुमार धूमल को टिकट नहीं दिया है, पिछला चुनाव सुजानपुर सीट से हार गए थे. धूमल पूरी तरह से सक्रिय थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया. हिमाचल चुनाव के लिए 62 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट में पांच महिलाओं के साथ ही अनुसूचित जाति के 11 उम्मीदवारों को टिकट दिया है. 

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