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हिमाचल चुनाव: महेंद्र सिंह ठाकुर की सियासी विरासत पर जंग, भाई-बहन के बीच खिंची 'तलवार'

हिमाचल के मंडी जिले की धर्मपुर सीट से सात बार के विधायक महेंद्र सिंह ठाकुर इस बार चुनावी मैदान में नहीं हैं. महेंद्र ठाकुर के सियासी वारिस के तौर पर उनके बेटे रजत ठाकुर बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं, जिसके चलते महेंद्र सिंह की बेटी वंदना गुलेरिया बागी हो गई हैं. इस तरह सियासी विरासत को लेकर भाई-बहन के बीच तलवारें खिच गई हैं.

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कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 21 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के साथ ही महेंद्र सिंह ठाकुर की सियासी विरासत पर काबिज होने के लिए भाई-बहन के बीच संग्राम छिड़ गया है. मंडी जिले की धर्मपुर विधानसभा सीट से लगातार सात बार विधायक रहे महेंद्र सिंह ठाकुर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कर चुके हैं, लेकिन इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. बीजेपी ने महेंद्र सिंह के बेटे राजत ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है, जिसे लेकर उनकी बेटी ने बगावत का झंडा उठा लिया है. इस तरह से पिता की राजनीति विरासत को लेकर भाई-बहन के बीच तलवारें खिच गई हैं. 

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हिमाचल के जलशक्ति मंत्री महेंद्र ठाकुर के परिवार पर धर्मसंकट अचानक नहीं आया है. पिता की सियासी विरासत के लिए बेटे रजत ठाकुर और बेटी वंदना गुलेरिया के बीच सालों से वर्चस्व की जंग चल रही थी. इस तरह भाई-बहन कर एक-दूसरे को मात देने का प्रयास कर रहे थे. महेंद्र सिंह ठाकुर ने अपनी राजनीतिक विरासत बेटे रजन ठाकुर को सौंपा तो बेटी वंदना ने बगावती तेवर अपना लिए. ऐसे में महेंद्र ठाकुर परिवार को एकजुट करने में लग गए हैं, लेकिन वंदना गुलेरिया पीछे हटने को तैयार नहीं है.

वंदना ने बीजेपी के सभी पदों से दिया इस्तीफा
बीजेपी ने मंडी की धर्मपुर सीट महेंद्र सिंह ठाकुर के बेटे रजत ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है, जिसके बाद से वंदना गुलेरिया ने बगावत का झंडा उठा रखा है. भाई को टिकट मिलने से नाराज वंदना ने बीजेपी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. वंदना ने मीडिया से कहा कि परिवारवाद में हमेशा बेटियों को ही पीसा जाता है. टिकट भले ही दिल्ली में बंटते हैं, पर वोट दिल्ली में नहीं पड़ते हैं. वोट हिमाचल में पड़ेंगे और उसके लिए दिन-रात जमीन पर काम करना पड़ता है. लोग उसी को चुनते हैं, जो उनके लिए काम करता है.

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बता दें कि महेंद्र सिंह ठाकुर की बेटी वंदना गुलेरिया काफी लंबे समय से राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं और बीजेपी महिला मोर्टा की प्रदेश महामंत्री पद पर थीं. धर्मपुर विधानसभा सीट से अपने पिता महेंद्र सिंह ठाकुर की जगह इस बार वह टिकट की दावेदार थीं,  लेकिन पार्टी ने उनकी जगह उनके भाई रजत ठाकुर को कैंडिडेट बना दिया. ऐसे में नाराज वंदना ने बागी तेवर अख्तियार कर लिया है. 

वंदना के तेवर अब भी गरम
विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज वंदना गुलेरिया को महेंद्र सिंह ठाकुर मनाने और परिवार को एकजुट करने में लग गए हैं. महेंद्र सिंह अपनी पत्नी के साथ गुरुवार शाम बेटी के घर चोलथरा पहुंचे. इस दौरान दोनों ने करीब एक घंटे तक वंदना गुलेरिया से बात की और पक्ष रखा. इससे पहले बहन को मनाने भाई रजत ठाकुर भी पहुंचे थे. हालांकि, दोनों के बीच बात नहीं हो सकी. वंदना के तेवर नरम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. पिता और मां ने बेटी वंदना को समझाने की कवायद की है, लेकिन अभी तक बात नहीं बन सकी. 

बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के बाद वंदना गुलेरिया के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा तेज हो गई थी. ऐसे में कयास लगाए जाने लगे थे कि वंदना दिल्ली जाकर कांग्रेस की सदस्यता ले सकती है और चुनावी मैदान में भाई के खिलाफ उतरेंगी, लेकिन अभी तक दिल्ली नहीं गई. ऐसे में वंदना गुलेरिया को मनाने की कोशिश में पूरा परिवार जुटा है ताकि धर्मपुर सीट पर ठाकुर परिवार का वर्चस्व बना रहे. 

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कद्दावर नेता रहे हैं महेंद्र सिंह
वंदना गुलेरिया धर्मपुर सीट से कांग्रेस या निर्दलीय किसी तरह से चुनावी मैदान में उतरती हैं तो उनके भाई रजत ठाकुर के लिए सीट बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो जाएगी. धर्मपुर सीट से महेंद्र सिंह लगातार 7 बार से विधायक हैं. महेंद्र सिंह ने 1990 में अपने सियासी जीवन की शुरुआत की और पहला चुनाव बतौर निर्दलीय जीते थे. 1993 के कांग्रेस के टिकट पर जीते. 1998 चुनाव में पंडित सुखराम की पार्टी हिमाचल विकास कांग्रेस से विधायक बने. 

हिमाचल लोकतांत्रिक मोर्चा से भी जीतकर महेंद्र सिंह ठाकुर विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद से बीजेपी के विधायक बन रहे हैं, लेकिन इस बार चुनावी मैदान में उनकी जगह बेटे रजत ठाकुर मैदान में है. रजत ठाकुर शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. ऐसे में महेंद्र सिंह ठाकुर की कोशिश है कि पूरा परिवार एकजुट रहे हैं, जिसके लिए वंदना गुलेरिया को मनाने में जुटे हैं. ऐसे में देखना है कि वंदना अपने भाई के समर्थन में आती है या फिर उनके खिलाफ चुनावी मैदान में उतरेंगी.

 

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