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विधानसभा चुनाव: हिमाचल में हर 5 साल में बदलती है सत्ता, क्या BJP बचा पाएगी कुर्सी?

हिमाचल प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान होने के बाद वहां सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. आम आदमी पार्टी ने अपना चुनाव प्रभारी नियुक्त कर दिया है. प्रदेश में एक फेज में ही चुनाव होंगे. नवंबर में चुनाव होंगे तो दिसंबर में परिणाम घोषित किए जाएंगे. हिमाचल में सरकारों के हर पांच साल में बदलने का पैटर्न है, इसलिए इस बार बीजेपी के सत्ता में आने, न आने को लेकर तमाम तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं.

हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को होंगे मतदान (सांकेतिक फोटो) हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को होंगे मतदान (सांकेतिक फोटो)
aajtak.in
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  • 15 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 8:47 PM IST

हिमाचल प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है. प्रदेश में इस साल 12 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि 8 दिसंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे. यह पहला राज्य है, जहां भारत को पहला वोटर मिला. हमे यह नहीं भूलना चाहिए कि कैसे सबसे चहेते और जीते हुए मुख्यमंत्री अपने ही राज्य में हार गए थे.

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इस राज्य में हर 5 साल में सरकार बदलती है. इस बार बीजेपी का दोबारा सत्ता में आ पाना मुश्किल हो सकता है. माना जा रहा है कि इस बार प्रदेश के कई जिलों में एंटी इनकम्बेंसी देखने को मिल सकती है. हम यह भी नहीं भूल सकते कि सबसे ज्यादा प्यार कैसे होता है. हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है. निश्चित रूप से राज्य के कामकाजी मध्य वर्ग को खुश कर पाना किसी पार्टी के लिए इतना आसान नहीं होगा.

आम आदमी पार्टी भी इस बार राज्य में चुनाव लड़ेगी. AAP ने हरजोत सिंह बैंस को हिमाचल प्रदेश का प्रभारी घोषित कर दिया है. हरजोत सिंह बैंस पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार में शिक्षा मंत्री हैं. यहां पहले से ही कांग्रेस पार्टी जमी हुई है, जो महंगाई, बेरोजगारी, सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहतर भत्ते के मुद्दों को लेकर सरकार का विरोध करती रही है. इस बार मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के लिए भी जीत आसान नहीं होगी, लेकिन बड़े राज्यों में मोदी की लहर को देखते हुए यह निश्चित रूप से यहां भी काम कर सकती है.

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हिमाचल प्रदेश में एक फेज में होगा चुनाव

चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि प्रदेश में एक फेज में चुनाव होगा. आयोग ने बताया कि प्रदेश में करीब 55 लाख वोटर हैं, इनमें 27 लाख 80 हजार पुरुष और 27 लाख 27 हजार महिलाएं हैं. इनमें 1.6 लाख वोटर पहली बार वोट करेंगे. इसके अलावा इन वोटरों में सेवा कर्मियों की संख्या 67 हजार 532, PWD की संख्या 56,001 हैं. वहीं 80 साल से ज्यादा उम्र के 1.22 लाख मतदाता हैं. इन वोटरों में 1184 ऐसे लोग भी हैं, जिनकी उम्र 100 साल से ज्यादा है. 

25 अक्टूबर तक कर सकेंगे नामांकन

- 17 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी होगी

- 25 अक्टूबर तक प्रत्याशी नामांकन कर सकेंगे.

- 27 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी.

- 29 अक्टूबर तक प्रत्याशी दावेदारी वापस ले सकेगा.

- 12 नवंबर को वोटिंग होगी.

- 8 दिसंबर को नतीजे घोषित होंगे.

बुजुर्ग-दिव्यांग घर से दें सकेंगे वोट

सीईसी ने बताया क  80 साल से ज्यादा उम्र के लोग, दिव्यांग या कोविड संक्रमित लोगों से फॉर्म 12D दी भरवाया जाएगा. अगर वो पोलिंग बूथ पर नहीं आ सकते हैं तो निर्वाचन अधिकारी और आयोग की टीम उनके घर पर जाकर उनका मतदान करवाएंगे. इस दौरान वीडियोग्राफी भी करवाई जाएगी. आयोग ने बताया कि लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें इसके लिए पिक एंड ड्रॉप की सुविधा दी जाएगी. हालांकि यह सुविधा विशेष लोगों के लिए परिस्थितियों में ही मिलेगी.

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शिकायत की सुविधा, 60 मिनट में पहुंचेगी टीम

चुनाव आयोग ने बताया कि मतदाताओं की सुविधा और चुनावी प्रक्रिया को स्मूथ करने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा. आयोग ने बताया कि कोई भी मतदाता C-Vigil ऐप पर शिकायत करता है तो 60 मिनट के भीतर हमारी टीम पहुंचेगी और 100 मिनट के अंदर उसका निपटारा करेगी. दिव्यांग मतदाता भी ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं. KYC ऐप पर अपने कैंडिडेट के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में मतदाता जान सकते हैं.

हिमाचल में ऐसे बदलती रही सरकारें

कांग्रेस 1980 के बाद 1985 में भी दोबारा सत्ता में आई थी. इसके बाद 1990 में बीजेपी 46 सीटें जीतकर सत्ता में आई. 1992 में अयोध्या में बाबरी विध्वंस के बाद सरकार बर्खास्त कर दी गई. 1993 में फिर विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस के वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री बन गए. 1998 में बीजेपी ने सत्ता में आई और प्रेम कुमार धूमल ने प्रदेश की कमान संभाली.

2003 में विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस ने 43 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की और वीरभद्र सिंह फिर मुख्यमंत्री बने. 2007 में बीजेपी को 41 और कांग्रेस को 23 सीटें मिलीं और प्रेम कुमार धूमल सीएम बन गए. 2012 के कांग्रेस ने वापसी की. कांग्रेस को 36 और बीजेपी को 26 सीटें जीती थीं. कांग्रेस से वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री बने लेकिन पांच साल के बाद जब चुनाव हुए तो पह अपनी कुर्सी नहीं बचा सके. 2017 बीजेपी सत्ता में आई, लेकिन धूमल चुनाव हार गए.

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2017 में बीजेपी को मिली थीं 68 में से 44 सीटें

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी 2023 को खत्म हो रहा है. 68 विधानसभा सीटों वाले इस प्रदेश में 2017 में 9 नवंबर को वोटिंग हुई थी. इसमें बीजेपी ने 68 में से 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि, कांग्रेस ने 21 सीटें हासिल की थी. इसके अलावा 3 सीटें अन्य के खाते में गई थीं. बीजेपी ने जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाया था.

(Report: Shraiya Thakur)

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