
हिमाचल प्रदेश में अगामी 12 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. इस बीच आजादी के बाद भारत के पहले मतदाता श्याम सरण नेगी ने बुधवार को किन्नौर जिले के कल्पा में अपने घर पर बैलेट पेपर से वोट डाला. प्रशासन द्वारा उनके लिए खास व्यवस्था भी गई थी और वोट डालने के बाद नेगी को फूलों को गुलदस्ता देकर सम्मानित भी किया गया. जुलाई 1917 में जन्हें श्याम सरण नेगी ने 1951 में आजाद भारत में पहला वोट डाला था.
दरअसल, चुनाव आयोग ने उम्रदराज और कोविड संक्रमित वोटरों के लिए वोट डालने के लिए खास व्यवस्था की है. जिसके मद्देनजर 80 वर्ष से अधिक उम्र के वोटरों को घर से ही वोट डालने की सुविधा दी गई है. ऐसे वोटरों को जिला प्रशासन की तरफ से फॉर्म-12D दिया जाता है, ताकि वह अपने घर में ही मत का प्रयोग कर सकें. इसी फॉर्म का उपयोग करते हुए 105 वर्षीय नेगी ने वोट डाला है.
अस्वस्थ महसूस होने के कारण घर से डाला वोट
इस दौरान किन्नौर के डीसी आबिद हुसैन ने जानकारी देते हुए बताया, ''श्याम सरन नेगी एक लीजेंड हैं और हम उनके वोट डालने के समय को खास बनाना चाहते थे, इसलिए खास इंतजाम किए गए. वह (नेगी) पहले मतदान केंद्र पर अपना वोट डालने के इच्छुक थे, लेकिन अस्वस्थ महसूस करने के बाद उन्होंने अपने आवास से वोट डालने के लिए फॉर्म भरा."
आजाद भारत के पहले मतदाता बने थे नेगी
श्याम नेगी के साथ रहने वाले उनके सबसे छोटे बेटे चंद्र प्रकाश ने बताया, "मेरे पिता श्याम सरन नेगी एक प्रेरणा हैं क्योंकि वह अभी भी चुनाव प्रक्रिया में अपना योगदान दे रहे हैं और जनता को प्रेरित कर रहे हैं. फोन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने 1951 में अपना पहला वोट डाला और आजाद भारत के पहले मतदाता बने. वह एक नागरिक के रूप में अपना वोट डालकर अपना कर्तव्य निभाते रहते हैं. जब तक वह चल पाते थे, वह मतदान केंद्र तक जाकर वोट डालते थे, लेकिन अब वह बाहर निकलने के लिए बहुत कमजोर हैं.
पीएम मोदी ने भी की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी श्याम सरन के वोट डालने की तारीफ की. उन्होंने लिखा- "यह प्रशंसनीय है और ये युवा मतदाताओं के लिए चुनाव में हिस्सा लेने और हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम करेगा."
हिमाचल में 1951 में हुई थी वोटिंग
गौरतलब है कि 1947 में आजादी मिलने के बाद भारत में पहली बार 1952 में आम चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी. लेकिन, मौसम की वजह से हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में पांच महीने पहले ही 1951 में वोटिंग कराई गई थी. तब नेगी किन्नौर के मूरंग स्कूल में टीचर थे और चुनाव में उनकी ड्यूटी भी लगी थी. तब उन्होंने पहली बार मतदान किया था. इसके बाद से ही नेगी को देश के पहले मतदाता होने का दर्जा प्रापत हुआ था. 2014 में हुए आम चुनावों में में उन्हें ब्रांड एंबेसडर भी नियुक्त किय गया था.