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झारखंड: चौथे चरण का नामांकन आज से, यहां विपक्ष का सफाया कर चुकी है BJP

झारखंड विधानसभा चुनाव में चौथे चरण में 15 विधानसभा सीटों के लिए आज से यानी शुक्रवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो रही है, जो 29 नवंबर तक जारी रहेगी. इन 15 सीटों पर 16 दिसंबर को वोटिंग होगी. यह इलाका बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है और पिछले चुनाव में इसने यहां विपक्ष का सफाया कर दिया था.

झारखंड में अमित शाह और रघुवर दास झारखंड में अमित शाह और रघुवर दास
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 9:59 AM IST

  • झारखंड के चौथे चरण की 15 सीटों पर आज से नामांकन
  • बीजेपी का 12 सीटों पर कब्जा, कांग्रेस का खाता नहीं खुला

झारखंड विधानसभा चुनाव में चौथे चरण में 15 विधानसभा सीटों के लिए आज से यानी शुक्रवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो रही है, जो 29 नवंबर तक जारी रहेगी. जबकि, 30 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और दो दिसंबर तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे. चौथे चरण की इन 15 विधानसभा क्षेत्रों में 16 दिसंबर को मतदान होंगे. यह इलाका बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है और पिछले चुनाव में इसने विपक्ष का सफाया कर दिया था.

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चौथे चरण में हैं ये 15 सीटें

चौथे चरण में झारखंड की मधुपुर, देवघर (एससी), बगोदर, जमुआ (एससी), गांडेय, गिरिडीह, डुमरी, बोकारो, चंदनक्यारी (एससी), सिंदरी, निरसा, धनबाद, झरिया, टुंडी और बाघमारा सीट शामिल है. यह पूरा इलाका बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है. ऐसे में बीजेपी के लिए चौथे चरण में अपना किला बचाए रखने की चुनौती होगी.

बीजेपी का मजबूत गढ़

2014 के विधानसभा चुनाव में चौथे चरण की इन 15 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 12 सीटें जीतकर विपक्ष को धराशाही कर दिया था. एक सीट बीजेपी की सहयोगी रही एजेएसयू जीती थी. जबकि, जेएमएम को एक सीट और एक सीट मासस को मिली थी. ऐसे में विपक्ष के लिए इस चरण में खोने के बहुत कुछ नहीं है. ऐसे में बीजेपी के लिए चौथा चरण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

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झारखंड में 2014 के समीकरण

बता दें कि झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटों के लिए पांच चरण में चुनाव हो रहे हैं. नतीजे 23 दिसंबर को आएंगे. ऐसे में अगर 2014 के विधानसभा चुनाव के नतीजे को देखें तो बीजेपी 31.3 फीसदी वोट के साथ 37 सीटें जीतने में कामयाब रही थी और उसकी सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (एजेएसयू) 3.7 फीसदी वोट के साथ 5 सीटें जीती थी.

जेएमएम 20.4 फीसदी वोट के साथ 19 सीटें, कांग्रेस 10.5 फीसदी वोट के साथ 7 सीटें और जेवीएम 10 फीसदी वोट के साथ 8 सीटें जीती थी. हालांकि चुनाव के बाद जेवीएम के 6 विधायकों ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. इसके अलावा 6 सीटें अन्य उम्मीदवारों को मिली थी.

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