
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांटे का मुकाबला होने जा रहा है. सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने जा रही है लेकिन पूर्ण बहुमत के आंकड़े से कुछ सीटें दूर रह सकती है. इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स ओपिनियन पोल के मुताबिक त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में जेडीएस किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है. जानते हैं पोल से जुड़ी 10 खास बातें...
ओपिनियन पोल के दस अहम निष्कर्ष
1. कांग्रेस कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर कर सामने आ रही है, लेकिन बहुमत के आंकड़े से ये फिर भी दर्जन भर सीटों से पीछे रह जाएगी. कार्वी के अनुमान के मुताबिक कांग्रेस को 224 सीटों वाली विधानसभा में 90-101 सीट मिलने जा रही हैं.
2. बीजेपी के 78-86 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रहने की संभावना है. ये आंकड़ा कर्नाटक में सरकार बनाने के आंकड़े से करीब 30 सीट कम है.
3. देवेगौड़ा की जेडीएस राज्य में किंगमेकर की भूमिका में सामने आ सकती है. कार्वी का अनुमान है कि जेडीएस कर्नाटक में 34-43 सीट हासिल कर सकती है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों को ही अगली सरकार बनाने के लिए जेडीएस की मदद की जरूरत पड़ेगी.
4. जब जेडीएस समर्थक वोटरों से पूछा गया कि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में गौड़ा को किस पार्टी के साथ जाना चाहिए तो उसके जवाब में सर्वाधिक 39% वोटरों ने कहा कि जेडीएस को कांग्रेस को समर्थन देना चाहिए.
5. वोट शेयर पर नज़र डालें तो कर्नाटक में कांटे की लड़ाई होने का संकेत मिलता है. दोनों मुख्य पार्टियों के वोट शेयर में सिर्फ 2% का अंतर है. पोल में इस्तेमाल मार्जिन ऑफ एरर भी इतना ही है. कांग्रेस का संभावित वोट शेयर 37% है, वहीं बीजेपी का 35% है. पोल दिखाता है कि 49 सीटों पर जीत-हार का अंतर बहुत कम रह सकता है.
6. कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की ओर से किए गए काम को लेकर वोटरों की अच्छी राय है. 38% प्रतिभागियों ने मुख्यमंत्री के काम को अच्छा या बहुत अच्छा माना. सिद्धारमैया को राज्य के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर देखने के हक में सबसे ज्यादा वोटरों ने राय दी है. 33% वोटरों ने सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री के तौर पर पहली पसंद माना है. बीजेपी के येदियुरप्पा को दूसरे नंबर पर यानि 26% वोटरों ने मुख्यमंत्री के लिए पहली पसंद माना है.
7. वोटर ऐसा मानते लगते हैं कि राहुल गांधी के मंदिरों में जाने से कांग्रेस को फायदा मिलेगा. 42% वोटर मानते हैं कि राहुल के मंदिरों में जाने की वजह से कांग्रेस की चुनाव में संभावनाएं अच्छी होंगी. हालांकि कांटे की लड़ाई वाले चुनाव में आखिरी वक्त में कांग्रेस किस तरह खुद के लिए सकारात्मक माहौल बनाए रखती है, इस पर बहुत कुछ निर्भर करेगा. कोई भी मणिशंकर अय्यर या छोले भटूरे जैसा खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मारने वाला कदम ग्रैंड ओल्ड पार्टी के लिए बहुत नुकसानदेह साबित हो सकता है.
8. बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार के पुराने आरोप बीजेपी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रहे लगते हैं. 40% प्रतिभागियों ने माना कि ये पुराने आरोप चुनाव में बीजेपी के खिलाफ जाएंगे.
9. सिद्धारमैया के रणनीतिक दांव जैसे कि अलग से राज्य का झंडा, स्कूलों में कन्नड को अनिवार्य बनाना, लिंगायत को अलग से अल्पसंख्यक धर्म का दर्जा देना, ये सभी कांग्रेस के लिए चुनावी नफ़ा पहुंचाते दिख रहे हैं.
10. बीजेपी के लिए सबसे अच्छी उम्मीद ये है कि कांग्रेस कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए जरूरी साधारण बहुमत से पीछे रहे और बीजेपी फिर जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाए. हालांकि जेडीएस के मुस्लिम समर्थकों को ऐसा लगने लगा कि जेडीएस की ओर से बीजेपी का भी साथ दिया जा सकता है तो वे छिटक कर कांग्रेस की तरफ भी जा सकते हैं. कर्नाटक में 13% मुस्लिम वोटर हैं.