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इस्तीफे से पहले कर्नाटक विधानसभा में येदियुरप्पा के भाषण की 12 बड़ी बातें

कर्नाटक में सरकार को लेकर जारी उठापठक भी खत्म हो गई. इस तरह येदियुरप्पा ढाई दिन भी मुख्यमंत्री पद पर नहीं रह पाए. पढ़िए सदन में दिए गए येदियुरप्पा के भाषण की बड़ी बातें......

येदियुरप्पा येदियुरप्पा
राम कृष्ण
  • बेंगलुरु,
  • 19 मई 2018,
  • अपडेटेड 7:10 PM IST

कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत से पहले बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. इस दौरान उन्होंने विधानसभा में बेहद भावुक भाषण दिया. उन्होंने किसान और दलित का मुद्दा जोरशोर से उठाया. वहीं, कांग्रेस का दांव काम आया और बीजेपी की सरकार को गिराने में कामयाब रही.

इसके साथ ही कर्नाटक में सरकार को लेकर जारी उठापठक भी खत्म हो गई. इस तरह येदियुरप्पा ढाई दिन भी मुख्यमंत्री पद पर नहीं रह पाए. पढ़िए सदन में दिए गए येदियुरप्पा के भाषण की बड़ी बातें......

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1. मोदी और अमित शाह ने मुझे अप्रैल 2016 को कर्नाटक बीजेपी का अध्यक्ष बनाकर सीएम कैंडिडेट बनाया. उस दिन से आज तक मैं पूरे राज्य में जाकर समस्याओं को सुन रहा हूं. मैं लोगों का प्यार जीतने में सफल रहा. राज्य के लोग बड़े प्यार से हमारी कोशिशों को सराहते हैं, हमें इस सरकार के लिए जंग में पूरी हमदर्दी मिली. मेरे पास 104 विधायक हैं, पर राज्य के लोगों ने जेडीएस और कांग्रेस को नकार दिया है.

2. कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस को जनादेश नहीं मिला. वे लोग एक दूसरे को आपस में गाली-गलौज करते रहे और झगड़ा करते रहे. इनको लोगों ने बता दिया कि इस प्रजातंत्र व्यवस्था में उनका स्थान कहां है. दोनों पक्ष चुनाव में हारने के बाद जनादेश के खिलाफ अपने अधिकार के लिए मौका देखकर गठबंधन किया. दोनों ही पार्टियां अवसरवादी हैं.

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3. विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. राज्यपाल ने मुझे सरकार बनाने का आमंत्रण दिया.

4. किसान और आम लोग पानी की व्यवस्था से परेशान हैं. लगभग तीन हजार 700 किसानों ने आत्महत्या की है. परेशान किसानों को कष्ट में रखा गया. उनकी मदद होनी चाहिए. इसके लिए मैंने अपना सबकुछ त्याग करने का फैसला लिया. मैं इस सदन के द्वारा राज्य के लोगों को आश्वासन देता हूं कि मैं जब तक जीवित हूं, अन्नदाता किसान को पूरी तरह मदद देने के लिए तैयार हूं.

हम सब मिलकर ये काम करेंगे. हमें सिंचाई योजना को पूरा करने का मौका नहीं मिला. पीने की पानी की समस्या है. लोग तरस रहे हैं. बेंगलुरु को मिलाकर अनेक जगहों में शुद्ध पानी नहीं है. लोगों की समस्या के लिए पिछली सरकार ने काम नहीं किया. कर्नाटक के किसान आंसू बहा रहे हैं. लोगों ने हम पर विश्वास कर जनादेश दिया.

5. पिछले पांच साल में मैंने बहुत-उतार चढ़ाव देखा. हमारी लड़ाई और लोगों के प्यार के चलते हम अन्याय से लड़ने में सफल रहे. मैं किसानों की मदद के लिए खड़ा हुआ. किसानों की जमीन दिलवाने की कोशिश की. हमने जंग लड़ी. मैंने डेढ़ लाख किसानों को पानी देने की योजना बनाई. मैं किसानों को बचाना चाहता हूं.

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हम सबको समान रूप से जीने का अवसर देना चाहते हैं. मैंने समस्या जानने के लिए 60-70 घरों में गया और बातचीत की. मैंने अपने कर्तव्य का पालन किया. मैं कुछ घरों में जाकर सोया. देखा 6-7 लोग घर में लोग कैसे रहते हैं? एक साथ कैसे खाते हैं? पांच साल पहले अलामती डैम को मैंने बढ़ाने की कोशिश की पर मंजूरी नहीं मिली.

6. जहां-जहां डैम हैं, जलाशय हैं, वहां छह नदियों को जोड़ने का प्लान था. मेरी योजना लोगों की पानी की समस्या खत्म करने की थी. रेलवे योजना, नेशनल हाईवे जहां-जहां भी चाहिए, वहां फंड की जरूरत पड़ती है, मैंने कोशिश की.

7. मैं एक बात कहना चाहता हूं कि यहां कांग्रेस सरकार होने के बाद भी हमारे पीएम कभी पीछे नहीं हटे. सारी मदद देने के लिए तैयार हुए. वहां मोदी की सरकार, यहां येदियुरप्पा की सरकार, हमारे राज्य को एक विकसित राज्य बनाने का सपना है.

8. भगवान की दया से यहां किसी संसाधन की कमी नहीं है. पर ईमानदार नेताओं की जरूरत है.

9. आज मेरी अग्निपरीक्षा है, लेकिन ये नई नहीं है. हर वक्त मैंने ऐसी परीक्षा दी.

10. एक बार सोचकर तो देखो, अगर 113 सीट मिली होतीं, तो हम राज्य की स्थिति ही बदल देते. माननीय सदस्य मैं आप सभी से विनती करता हूं कि बीजेपी इस प्रजातंत्र पर पूरा विश्वास करती है. कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि जो उस तरफ बैठे हुए कुछ सदस्य हैं. केंद्र में मोदी और यहां मेरी मदद की सोच रहे थे.

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11. कर्नाटक की जनता को आश्वासन देता हूं कि जब तक मेरी सांस चलेगी, हर जगह जाऊंगा, फिर जीतकर आऊंगा. 150 से ज्यादा सीट से जीतूंगा. चुनाव कब होगा, पांच साल बाद या फिर बीच में भी हो सकता है. मैं जीत कर आऊंगा. इस अधिवेशन के बाद मैं हर इलाके में जाऊंगा. उन्हें यहां का हाल बताउंगा.

12. मैंने राज्य के शासकों को बुद्धि का इस्तेमाल कर मत देने की बात कही थी. विधायकों को बंदी बनाया गया. परिवार के लोगों से भी बात नहीं करने दी गई. इस दौरान परिवार पर क्या बीता होगा?  इस तरह के हालात मैं नहीं चाहता. मैं हमेशा किसान और दलितों के साथ हूं. सत्ता या विरोध में रहूं, मेरी जिंदगी की अंतिम सांस तक कुमारस्वामी मैं लड़ता रहूंगा.

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