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चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में येदियुरप्पा को पीछे कर PM मोदी को किया आगे

कर्नाटक में पिछले तीन विधानसभा चुनावों में पार्टी का चेहरा रहे और इस चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा की जगह अमित शाह ने खुद कमान संभाली.  उन्होंने अपनी रणनीति के अनुसार अंतिम 10 दिनों में येदियुरप्पा को पीछे कर पीएम मोदी के चेहरे को आगे कर दिया.

पीएम मोदी और बीएस येदियुरप्पा पीएम मोदी और बीएस येदियुरप्पा
हिमांशु मिश्रा/वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2018,
  • अपडेटेड 12:16 AM IST

कर्नाटक में अंतिम 10 दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने विधानसभा चुनाव के लिए तूफानी प्रचार किया.  इसके लिए पीएम मोदी तकनीक की मदद लेने से भी नहीं हिचके. उन्होंने नमो एप के जरिये मतदाताओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये भी संबोधित किया.

कर्नाटक में पिछले तीन विधानसभा चुनावों में पार्टी का चेहरा रहे और इस चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा की जगह अमित शाह ने खुद कमान संभाली. उन्होंने अपनी रणनीति के अनुसार अंतिम 10 दिनों में येदियुरप्पा को पीछे कर पीएम मोदी के चेहरे को आगे कर दिया.

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यही नहीं गृहमंत्री राजनाथ, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केंदीय मंत्री पीयूष गोयल, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और महाराष्ट्र के  मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत 25 से ज्यादा केंद्रीय मंत्रियों ने 2019 के आम चुनाव से पहले एक बार फिर से दक्षिण में कमल खिलाने के लिए धुआंधार चुनाव प्रचार किया.

अमित शाह की चुनावी रणनीति के हिसाब से जहां बीजेपी थोड़ी सी भी कमज़ोर थी, वहां पीएम मोदी की रैली रखी. अमित शाह ने कर्नाटक में 34 दिन तक डेरा डाले रखा. उन्होंने इस दौरान 28 जिलो में प्रवास किया और 59 सार्वजनिक सभाएं, 25 रोड शो, 38 संवाद कार्यक्रम, कार्यकर्ताओं के साथ 10 चुनावी बैठकें, 33 संगठन की बैठकें, 33 मंदिरों और मठों में गए. इसके अलावा चार प्रेस कॉन्फ्रेंस की. योगी आदित्यनाथ ने 16 रैलियां की और तीन रोड शो किए.

कर्नाटक चुनाव प्रचार में पीएम मोदी ने 26 अपैल नमो ऐप के ज़रिए कर्नाटक के सभी 224 उम्मीदवारों, बीजेपी लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों और प्रदेश और जिले के पदाधिकारियों और बूथ प्रबंधकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया. बहरहाल अब देखना होगा कि पीएम मोदी और अमित शाह की यह मेहनत तथा रणनीति क्या रंग लाती है.

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